सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते-करते नितिन राउत ने ब्राह्मणों को लेकर विवादित टिप्पणी की है। राउत महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं। कॉन्ग्रेस के एससी विभाग के अध्यक्ष भी। उन्होंने कहा है कि ब्राह्मण खुद विदेश से आए हैं। वे दूसरों को पहचान पत्र दिखाने के बारे में क्या सिखाएँगे। राउत ने यह बात आठ मार्च को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस कार्यक्रम का आयोजन फुले, साहू, आंबेडकर विचार संरक्षण समिति की ओर से किया गया था।
राउत ने NPR लागू नहीं होने देने की चेतावनी दी। कहा कि इसे तभी लागू होने दिया जाएगा जब वही प्रावधान बने रहेंगे जो कॉन्ग्रेस पार्टी 2010 में लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि यदि आप मुझसे मेरे दादा का प्रमाण-पत्र दिखाने के लिए कहते हैं, तो मैं आपको दिखा सकता हूॅं। डॉ आंबेडकर ने मुझे दलित होने के बावजूद शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया था। इसलिए, मैं अपने दादाजी का प्रमाण-पत्र ला सकता हूं। लेकिन उनका क्या, जिन्हें अच्छी शिक्षा का अवसर नहीं मिल सका? वो ब्राह्मण जो स्वयं बाहर से आए थे, वो अब हमें ज्ञान दे रहे हैं, तो मैं ऐसा कभी नहीं होने दूँगा।
ना.नितिन राऊत यांनी ब्राह्यण समाजा विरुध्द काढलेल्या वक्तव्या बाबतीत मुंबई हायकोर्टात खटला दाखल करणे साठी तज्ञ वकिलांचे मार्गदर्शन घेणार @zee24taasnews @abpmajhatv @ANI @Dev_Fadnavis @PashokMT @girishkuber @ShrimantSakal @ShivSena @CMOMaharashtra @News18lokmat @JaiMaharashtraN pic.twitter.com/V7VSYx17Ge
— Shri Mahant sudhirdas Maharaj (@mahantpt03) March 13, 2020
राउत ने कहा कि देश के मुस्लिम उस हालत में नहीं रह रहे होते, जिस हालत में आज हैं। वे बाबा साहेब के दिखाए रास्ते पर चले जिन्होंने हिंदुस्तान के बजाय भारत कहा। राउत ने कहा कि जब साउथबोरो कमीशन भारत आया, तो बाबासाहेब ने उनके सामने अपील दायर की। उस समय, बाबासाहेब से पूछा गया कि आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं?
उस समय बाबासाहेब ने कहा, मैं पहले भी एक भारतीय हूँ और अंत में भी एक भारतीय ही हूँ। मैं मुस्लिमों को बताना चाहूँगा कि अगर आप बाबासाहेब को अपना नेता मानते, उनकी सोच के साथ आगे बढ़े होते और इस देश को हिंदुस्तान कहना बंद कर देते, तो आज ऐसा नहीं होता। आज आपके पास मौका है और मैं आपसे अपील करता हूँ कि आप आज से खुद को भारतीय कहें और देश को हिंदुस्तान कहना बंद कर दें।