तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहुल गाँधी और उनकी पार्टी कॉन्ग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने चुनौती दी कि राहुल गाँधी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराकर दिखाएँ। ममता ने कहा कि वे I.N.D.I गठबंधन की हिस्सा हैं, लेकिन राहुल गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बंगाल आई थी तो उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। ।
दरअसल, ममता बनर्जी शुक्रवार (2 फरवरी 2024) को मुर्शिदाबाद में एक रैली को संबोधित कर रही थीं। इस रैली में उन्होंने राहुल गाँधी पर जमकर हमला बोला और कहा, “मुझे नहीं पता कि कॉन्ग्रेस 300 में से 40 सीटें भी जीतेगी या नहीं, फिर भी ये अहंकार क्यों है? आप बंगाल आए, मगर मुझे बताया भी नहीं। हम तो इंडी गठबंधन का हिस्सा हैं। अगर आपमें हिम्मत है तो वाराणसी में बीजेपी को हराकर दिखाइए। आप उन जगहों पर भी हार गए, जहाँ पहले जीतते थे।”
ममता बनर्जी ने राहुल गाँधी के ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान बीड़ी मजदूरों से मुलाकात को लेकर भी निशाना साधा। ममता बनर्जी ने कहा कि यह कोई नया स्टाइल चल पड़ा है… फोटोशूट कराने का। जो लोग कभी चाय की दुकान पर भी नहीं गए, अब वे बीड़ी श्रमिकों के साथ बैठने का दिखावा कर रहे हैं। ये सभी प्रवासी पक्षी की तरह हैं।
ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक से बाहर निकलने को तैयार: सीपीएम
इस बीच, राहुल गाँधी से रघुनाथपुर में वामपंथी नेताओं ने भी मुलाकात की। राहुल गाँधी से मुलाकात के बाद सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, “ममता बनर्जी भी इंडी गठबंधन की ट्रेन से उतरने के लिए तैयार हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम आरएसएस-भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। आरएसएस-बीजेपी से मुकाबले के लिए राहुल गाँधी भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर निकले हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हम भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। हम इस यात्रा के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए यहाँ आए हैं। बहुत सारे लोग शुरुआती स्टेशन से ट्रेन में चढ़े, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि कौन भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बना रहेगा और कौन उतरेगा रास्ते में। ममता बनर्जी अब ट्रेन से उतरना चाहती हैं और हम इसका स्वागत करते हैं।”
बता दें कि ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया है। तृणूमल कॉन्ग्रेस के इस फैसले को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बीच, ममता ने एक बार फिर से कॉन्ग्रेस को अपने तेवर दिखा दिए हैं।