Tuesday, December 31, 2024
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मणिपुर हिंसा पर CM बीरेन सिंह ने माँगी माफी, कहा- पिछली गलतियों को भूल नई शुरुआत करनी होगी: बताया- इस साल 200 लोगों की मौत, 12247 FIR दर्ज

मुख्यमंत्री ने इस हिंसा को पीछे छोड़ने और एक नई शुरुआत करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें अपनी गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ना होगा। हमें शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के निर्माण के लिए मिलजुल कर रहना होगा।"

मणिपुर के लिए साल 2024 बेहद अशांत और दर्दनाक साल साबित हुआ। पूरे साल राज्य हिंसा और अस्थिरता की चपेट में रहा। मेइती और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने इस साल खतरनाक रूप ले लिया। इस दौरान सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घर उजड़ गए, और लाखों लोग अपने ही घरों में असुरक्षित महसूस करने लगे। साल 2024 के अंत में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा और अस्थिरता के लिए माफी माँगी और 2025 में शांति और स्थिरता की उम्मीद जताई।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार (31 दिसंबर) को कहा कि यह साल मणिपुर के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने कहा, “मैं इस पूरे साल की घटनाओं पर गहरा खेद व्यक्त करता हूँ। 3 मई से जो कुछ हो रहा है, उसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। बहुत से लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, कई ने अपने घर। मैं इस स्थिति के लिए राज्य के लोगों से माफी माँगता हूँ।”

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आगे कहा कि राज्य में पिछले तीन-चार महीनों में शांति स्थापित करने के प्रयासों में प्रगति हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 में मणिपुर में सामान्य स्थिति और शांति वापस लौटेगी। उन्होंने कहा, “मैं सभी समुदायों से अपील करता हूँ कि जो कुछ हुआ, उसे पीछे छोड़ दें और एक नई शुरुआत करें। हमें एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।”

मुख्यमंत्री ने हिंसा और इसके बाद की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि इस साल लगभग 200 लोगों की जान गई। राज्य में 12,247 एफआईआर दर्ज की गईं और 625 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा सुरक्षा बलों ने अब तक 5,600 हथियार, भारी मात्रा में विस्फोटक और 35,000 गोलियाँ बरामद की हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की मदद का भी जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र ने पर्याप्त सुरक्षा बल, विस्थापित परिवारों के लिए सहायता राशि और उनके लिए नए घर बनाने के लिए धन उपलब्ध कराया है।

विभाजन और हिंसा का केंद्र बना मणिपुर

कभी सांस्कृतिक और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक माना जाने वाला मणिपुर आज विभाजन और हिंसा का केंद्र बन गया है। इस साल मेइती और कुकी समुदायों के बीच का तनाव और गहरा गया। साल 2024 की शुरुआत ही हिंसा के साथ हुई, जब 1 जनवरी को थौबल जिले में प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हमले में चार ग्रामीण मारे गए। यह घटना अवैध ड्रग व्यापार के पैसे से जुड़े विवाद से जुड़ी बताई गई। इस घटना के बाद राज्य सरकार को पाँच घाटी जिलों में निषेधाज्ञा लगानी पड़ी। हिंसा में 1,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए और सैकड़ों परिवारों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।

पहले यह हिंसा इंफाल घाटी और इसके आसपास के जिलों तक सीमित थी, लेकिन इस साल यह जिरीबाम और अन्य इलाकों तक फैल गई। इसने राज्य के सामाजिक ताने-बाने को गहरी चोट पहुँचाया। मुख्यमंत्री ने इस हिंसा को पीछे छोड़ने और एक नई शुरुआत करने की अपील की। उन्होंने कहा, “जो कुछ हुआ, उसे हम बदल नहीं सकते। लेकिन हमें अपनी गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ना होगा। हमें शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के निर्माण के लिए मिलजुल कर रहना होगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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