कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को हिंदू और हिंदुत्व के बहस से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर, गिरजाघर, गुरुद्वारा या मस्जिद में माथा टेकने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह किसी की राजनीति का आधार नहीं होना चाहिए। पंजाब के पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक करियर में ऐसा ‘अजीब व्यवहार’ नहीं देखा।
सलमान खुर्शीद की किताब पर विवाद के दौरान उनका बचाव करते हुए 12 नवंबर को राहुल गाँधी ने कहा था, “बीजेपी हिंदुत्व की बात करती है। हिंदू और हिंदुत्व में क्या फर्क है, क्या ये एक हो सकते हैं? अगर हैं तो इनका नाम क्यों एक जैसा नहीं है। ये सच में अलग हैं। क्या हिंदू धर्म में ये है कि सिख और मुस्लिम को पीटा जाए? हिंदुत्व में ये है।”
दैनिक जागरण को दिये साक्षात्कार में मनीष तिवारी ने कहा कि आजादी से पहले कॉन्ग्रेस के दो दृष्टिकोण थे- एक गाँधीवादी मानवतावादी और दूसरा नेहरू का बहुलतावादी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कॉन्ग्रेस को उसी सिद्धांत पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू या हिंदुत्व के बहस को से दूर रहना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि इस पर कोर्ट भी कह चुका है कि हिंदुत्व जीवन जीने का तरीका है।
सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक-जेहादी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन विषैली विचारधारा का समर्थन करते हैं। ये राजनीतिक इस्लाम की विभिन्न विचारधाराओं में से एक हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हम सब को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सरन वर्मा की अध्यक्षता में एक पीठ ने 1995 में कहा था कि हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है। अक्टूबर 2016 में तत्कालीन सीजेआई तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने उस सवाल को फिर से खोलने से इन्कार कर दिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपना बड़ा भाई बताने पर मनीष तिवारी ने कहा कि 40 वर्षों के अपने करियर में उन्होंने कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री का ऐसा ‘अजीब व्यवहार’ कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस की क्या मजबूरी है, ये तो वही बता पाएँगे, लेकिन इसका असर पूरे देश पर पड़ रहा है।
मनीष तिवारी ने 17 अक्टूबर 2021 को कहा था कि दक्षिण एशिया में एक बड़ा इस्लामिक एजेंडा काम कर रहा है, जो गैर-मुस्लिमों को लगातार निशाना बना रहा है। तिवारी ने कश्मीर और बांग्लादेश में हिंदुओं पर टारगेटेड अटैक को आपस में जुड़ा हुआ बताया। कॉन्ग्रेस नेता ने ट्वीट किया था, “क्या कश्मीर में हो रही गैर-मुसलमानों की हत्याएँ, बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं की हत्या और पुंछ में 9 जवानों की शहादत के बीच कोई लिंक है? शायद ऐसा है। दक्षिण एशिया में एक बड़ा इस्लामिक एजेंडा काम कर रहा है।”