Thursday, March 28, 2024
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चीन ने गलवान घाटी हथियाया, क्या जमीन तोहफे में देने के लिए जम्मू-कश्मीर से 370 हटाया: महबूबा मुफ्ती

"अनुच्छेद 370 को अवैध तरीके से खत्म किया गया ताकि यहॉं की जमीन ली जा सके और स्थानीय लोगों को अधिकार विहीन किया जा सके। आज चीन ने गलवान घाटी को हथिया लिया है और भारत की सरकार इसे स्वीकार भी नहीं कर रही है। क्या जम्मू कश्मीर को इसलिए अलग किया गया ताकि यहॉं की जमीन चीन को तोहफे के तौर पर दी जा सके।"

भारत-चीन के हालिया तनाव के बहाने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का मसला उठाया है। उन्होंने कहा है कि इसके कारण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था। साथ ही आरोप लगाया है कि चीन को जमीन तोहफे में देने के लिए इसे हटाया गया।

महबूबा ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाना “गैरकानूनी” था और यह स्थानीय लोगों के अधिकारों को छीनने के लिए किया गया था।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “अनुच्छेद 370 को अवैध तरीके से खत्म किया गया ताकि यहॉं की जमीन ली जा सके और स्थानीय लोगों को अधिकारविहीन किया जा सके। आज चीन ने गलवान घाटी को हथिया लिया है और भारत की सरकार इसे स्वीकार भी नहीं कर रही है। क्या जम्मू कश्मीर को इसलिए अलग किया गया ताकि यहॉं की जमीन चीन को तोहफे के तौर पर दी जा सके।”

महबूबा मुफ्ती का यह बयान तब आया जब प्रधानमंत्री मोदी आश्वस्त कर चुके हैं कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान हमने जमीन नहीं खोई है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि हमारे किसी पोस्ट पर किसी का कब्जा नहीं है और सेना को खुली छूट दी गई है। उन्होंने कहा था कि भारत, शांति और मित्रता चाहता है। लेकिन अपनी संप्रभुत्ता की रक्षा उसके लिए सर्वोपरि है।

सर्वदलीय बैठक के दौरान शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “चीन ने ना तो हमारी सीमा में घुसपैठ की है, ना ही किसी पोस्ट को कब्जे में लिया है। हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को आँख दिखाई उन्हें सबक सिखा दिया।”

पीएम ने बताया था, ”हाल में तैयार किए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर से एलएसी पर पेट्रोलिंग क्षमता बढ़ गई है। पहले जिन इलाकों की निगरानी नहीं होती थी। वहाँ भी अब हमारे जवान निगरानी और जवाब देने में सक्षम हैं। बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, सामानों और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति से दुर्गम इलाके पहले के मुकाबले आसान हो गए हैं।”

गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर आर्टिकल 370 खत्म कर दिया था। साथ ही राज्य को दो भागों में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश हैं। महबूबा मुफ्ती राज्य की उन नेताओं में से एक हैं जिन्हें आर्टिकल 370 ह​टाए जाने के बाद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था।

गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच हिंसक झड़प

लद्दाख की गलवान घाटी में हाल ही में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई और खूनी झड़प हुआ, जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि चीन के 43 से अधिक जवानों के हताहत होने की सूचना सामने आई हैं। चीन अभी तक अपने सैनिकों की मौत का आँकड़ा छुपा रहा है और सीमा पर संघर्ष के लिए भारत को ही दोषी ठहरा रहा है। लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

बता दें चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाइप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर रखी थी। इनका ही इस्तेमाल उन्होंने हिंसा के दौरान किया। वहीं पहाड़ी पॉइंट 14 पर पहले से मौजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाते हुए उनके ऊपर बड़े-बड़े पत्थरों को फेक कर भी हमला किया। बिना किसी हथियार के भारतीयों सैनिकों ने उनका डट कर मुकाबला किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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