Saturday, July 27, 2024
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दिग्गी को जिताने के लिए 5 क्विंटल मिर्ची से हवन करने वाले बाबा हुए अंडरग्राउंड, हारने पर हवनकुण्ड में समाधि लेने वाले थे

दिग्विजय सिंह के लिए सिर्फ मिर्ची बाबा ने ही नहीं, बल्कि भाजपा से राज्यमंत्री रह चुके कम्पयूटर बाबा ने भी करीब 7 हजार साधू-संतों के साथ हवन-यज्ञ किया था।

देश की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट भोपाल से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह की जीत का दावा करने वाले और उनकी जीत के लिए 5 क्विंटल मिर्ची से यज्ञ करने वाले महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ़ मिर्ची बाबा इन दिनों गायब चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बाबा की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई भी उनसे संपर्क नहीं कर पाया है। उम्मीदें लगाईं जा रही हैं कि शायद मिर्ची बाबा अंडरग्राउंड हो गए हैं।

मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को करीब तीन लाख वोट से करारी शिकस्त दी है। दिग्विजय सिंह ने जीतने के लिए पूजा-पाठ का सहारा लिया था। पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ।

दिग्विजय सिंह को भोपाल सीट से विजयी बनाने के लिए महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद ने कुल 5 क्विंटल मिर्च डालकर एक विशाल हवन किया था और वहीं प्रतिज्ञा ली थी कि अगर कॉन्ग्रेस ये सीट हारती है, तो वह इसी हवनकुण्ड में समाधि ले लेंगे। कॉन्ग्रेस के हारने के बाद स्वामी वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा को लोग खोजना शुरू कर चुके हैं, पर वह कहाँ हैं इसके बारे में कोई पता ही नहीं चल रहा।

मिर्ची बाबा का फोन भी चुनाव परिणाम आने के बाद से बन्द ही बता रहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश की 29 सीट पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। एक मात्र छिंदवाड़ा सीट ही कॉन्ग्रेस के हिस्से आई है। राज्य की सत्ता में होते हुए कॉन्ग्रेस की इतनी बड़ी हार पार्टी आलाकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

दिग्विजय सिंह के लिए सिर्फ मिर्ची बाबा ने ही नहीं, बल्कि भाजपा से राज्यमंत्री रह चुके कम्पयूटर बाबा ने भी करीब 7 हजार साधू-संतों के साथ हवन-यज्ञ किया था। जिसके बाद बाबा और दिग्विजय सिंह पर चुनाव आयोग का कहर भी फूटा था, क्योंकि बाबा ने यज्ञ और प्रचार में खर्च हुई धनराशि का हिसाब नहीं दिया था। ऐसे में आयोग ने यज्ञ और साधु-संतों द्वारा दिग्विजय सिंह के पक्ष में किए प्रचार-प्रसार का पूरा खर्च भी दिग्विजय सिंह के ही खाते में जोड़ दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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