Friday, April 26, 2024
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मुंबई में कोरोना संक्रमितों के आँकड़े छिपा रही बीएमसी: बीजेपी नेता नीतेश राणे का दावा

नीतेश राणे ने दावा किया है कि मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले कम दिखाने के लिए बीएमसी ने संदिग्ध मरीजों को श्रेणीबद्ध करना बंद कर दिया है।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना वायरस का प्रकोप नियंत्रण से बाहर हो रहा है। स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। जैसा कि हम जानते हैं, मुंबई जनसंख्या के मामले में काफी सघन महानगर है। पूरे भारत और महाराष्ट्र में कोरोना के अब तक जितने मामले आए हैं, उनमें मुंबई के काफ़ी मामले हैं।

हालाँकि जिस तरह मुंबई में यह महामारी बढ़ रही है, बीजेपी नेता नीतेश राणे ने शहर में कोरोना वायरस मामलों की संख्या कम होने के बारे में चौंकाने वाला दावा किया है। प्रशासन पर COVID-19 मामलों को कम करने का आरोप लगाते हुए, राणे ने दावा किया कि मुंबई में अधिकारियों ने कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को श्रेणीबद्ध करना बंद कर दिया है, ताकि शहर से रिपोर्ट किए गए कुल मामलों को कम किया जा सके।

राणे ने दावा किया कि अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन रिपोर्ट की जा रही संख्या मुंबई में कोरोनावायरस के प्रकोप के सही आँकड़े नहीं दर्शाती है। वास्तविक में संक्रमण के आँकड़े आधिकारिक नंबरों से काफ़ी ज्यादा है। राणे ने बीएमसी पर आरोप लगाया कि वह कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने में अक्षम है।

कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने भी बीएमसी खिलाफ कोरोनोवायरस मामलों को कम करने का आरोप लगाते हुए
राणे के आरोपों के साथ सहमति व्यक्त की है। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया हैं कि प्रशासन कोरोना वायरस के कारण होने वाली मृत्यु की संख्या को कम करने के लिए निमोनिया को मृत्यु का कारण बता रहे हैं।

एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता ने कहा कि उन्हें यह भी संदेह है कि कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों की संख्या के बारे में अधूरी जानकारी जारी करके प्रशासन जनता को धोखा दे रही है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शहर में भाजपा के शीर्ष अधिकारियों को मुंबई में श्मशान कार्यकर्ताओं के साथ जाँच करने के अपील की थी, ताकि हमें प्रशासन के अनुमान और असल के मृत्यु दर के बारे में पता चल सके।

महाराष्ट्र में विशेषकर मुंबई में कोरोना वायरस के मामले ख़तरनाक दर से बढ़ रहे हैं। मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों सबसे ज्यादा गुरुवार (14.5.20) को 998 मामले सामने आए, जिस वजह से शहर में कुल आँकड़े 16,579 पहुँच गए थे। लगभग 25 रोगियों ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया, जिसके चलते मृत्यु दर 600 पार चला गया।

राज्य द्वारा नियुक्त कोरोना वायरस टास्क फोर्स ने सरकार को अगले दो दिनों के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों दोनों में 80 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के लिए कहा है, यह दर्शाता है कि शहर कोरोनो वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई के सबसे महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है। डॉ. संजय ओक (जो टास्क फोर्स का नेतृत्व करते हैं) के अनुसार लगभग 20,000 लोगों को आगामी दिनों में अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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