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Thursday, April 10, 2025
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दिल्ली में सार्वजानिक स्थानों पर नहीं होगी छठ पूजा: पटाखों पर बैन के बाद केजरीवाल सरकार का नया आदेश

दिल्ली सरकार ने दिल्ली में छठ पूजा घाट तैयार करने व आयोजन के लिए एलजी को बीते दिनों प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने उसके साथ एसओपी भी भेजी थी। जिसमें कम भीड़, आर्टिफिशियल घाट, सामाजिक दूरी व जागरूकता को लेकर सभी तमाम इंतजाम करने की बात कही थी।

दिल्ली में दिवाली पर पटाखे पूरी तरह से बैन करने के बाद अब अरविंद केजरीवाल सरकार ने छठ पर्व पर नया आदेश जारी किया है। इस साल छठ पूजा का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा। दिल्‍ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बिहार के महापर्व छठ को लेकर एक पत्र जारी किया है।

सरकार के द्वारा जारी पत्र में यह कहा गया है कि दिल्‍ली में पब्‍लिक प्‍लेस पर छठ पूजा मनाने की छूट नहीं होगी। इसके लिए बकायदा सभी डीएम और पुलिस के सभी डीडीसी को पत्र लिखा है कि यह बात हर सुनिश्‍चित हो कि सार्वजानिक स्थानों पर छठ पूजा न हो।

दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने सभी संबंधित जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। DDMA द्वारा आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो आ रही है। ऐसे में छठ पूजा सार्वजनिक जगहों पर मनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। DDMA ने लोगों को घर पर ही छठ पूजा मनाने की सलाह दी है।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली में छठ पूजा घाट तैयार करने व आयोजन के लिए एलजी को बीते दिनों प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने उसके साथ एसओपी भी भेजी थी। जिसमें कम भीड़, आर्टिफिशियल घाट, सामाजिक दूरी व जागरूकता को लेकर सभी तमाम इंतजाम करने की बात कही थी।

डीडीएमए ने कहा है कि इसका आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं होगी। मगर कोई निजी तौर पर अपने निजि स्थल पर मनाना चाहता है तो कर सकता है। मगर इस दौरान भीड़, सामाजिक दूरी समेत कोविड से बचाव के सभी उपाय होने चाहिए। बताते चलें बीते साल दिल्ली सरकार ने दिल्ली भर में यमुना नदी समेत कुल 1108 छोटे बड़े घाट बनवाए थे। इस बार आर्टिफिशियल घाट के लिए निविदा भी जारी कर दी गई थी। मगर डीडीएमए की मंजूरी के बाद सरकार अब इसके लिए कोई आयोजन नहीं करेगी।

हर वर्ष धूमधाम से मनाए जाने वाले इस पर्व की रौनक इस साल फीकी रहेगी। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर इस साल छठ पूजा का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा। इस साल छठ पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा। 18 नवंबर को इसकी शुरुआत होगी, इस दिन नहाय खाय, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 21 नवंबर की सुबह उषा अर्घ्‍य के साथ इसकी समाप्ति होगी।

दिल्‍ली-एनसीआर के लाखों लोग दिल्‍ली सरकार के इस फैसले से प्रभावित होंगे। बता दें कि देश की राजधानी में यूपी-बिहार के लाखों परिवार रहते हैं जो छठ पूजन करते हैं। छठ ना सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। छठ के वक्‍त दिल्‍ली में नदी और घाटों पर मेले जैसा नजारा रहता है। यहाँ पर हजारों परिवार छठ मनाते नजर आते हैं। दिल्‍ली के प्रमुख घाट जैसे यमुना घाट, हिंडन घाट, राजघाट और सचिवालय घाट जैसे कई जगहों पर छठ मनाने वालों की भीड़ रहती है।

महापर्व छठ को लेकर बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी चर्चा की थी। बिहार के साथ अपने लगाव की बात करते हुए छपरा में पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना के काल में किसी माँ को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएँगे।

पीएम मोदी ने बिहार के छपरा में कहा था, “अरे मेरी माँ! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बिठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा! माँ! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिवाली के ठीक पहले आम लोगों से निवेदन करते हुए एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में केजरीवाल ने जनता से निवेदन करते हुए कहा था कि वह लोगों के साथ पूजा करने को तैयार हैं लेकिन कोई पटाखे न जलाए

उन्होंने कहा था, “इस बार भी हम सभी लोग मिलकर दिवाली मनाएँगे, पटाखे नहीं जलाएँगे। किसी भी हालत में पटाखे नहीं जलाने हैं अगर पटाखे जलाएँगे तो हम लोग अपने ही बच्चों की ज़िन्दगी के साथ खेलेंगे। ऐसा करके हम लोग अपने दिल्ली के परिवार की जिन्दगी के साथ खेलेंगे। पटाखे नहीं जलाएँगे और दिवाली का त्यौहार एक साथ मनाएँगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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