Monday, October 14, 2024
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WhatsApp ग्रुप में ‘जय श्रीराम’ लिखने पर NSUI ने 7 नेताओं को 3 साल के लिए निष्कासित किया

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रोज तिर्की ने इन नेताओं पर गुटबाजी और संगठन के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

कॉन्ग्रेस की छात्र ईकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के 7 नेताओं को ‘जय श्रीराम’ लिखने पर निष्कासित कर दिया गया है। मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का है। रिपोर्ट के अनुसार जिन नेताओं पर कार्रवाई की गई है उन्होंने संगठन के ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप में ‘जय श्रीराम’ लिखा था। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रोज तिर्की ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर बताया कि कमल अग्रवाल, राज महतो, राहुल गिरि, आनंद सिंह, प्रशांत कुमार, लव कुमार और जयंतो प्रमाणिक को निष्कासित कर दिया गया है।

तिर्की ने इन नेताओं पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष के खिलाफ़ गुटबाजी को बढ़ावा देने और एनएसयूआई के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में एक विशेष धर्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इन सभी नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों, पार्टी लाइन संगठनात्मक प्रोटोकॉल के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट और संगठन के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा देने के लिए एनएसयूआई से तीन साल के लिए निष्कासित किया गया है।

रोज ने कॉन्ग्रेस और एनएसयूआई का आधार सेकुलरिज्म को बताया। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस और एनएसयूआई किसी विशेष धर्म की ओर झुकाव नहीं रखते। ये किसी धर्म की पार्टी या संगठन नहीं है। यहाँ ऐसी हरकत करने वाले नेताओं के लिए कोई जगह नहीं है। इसके अलावा ये लोग जिलाध्यक्ष के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहे थे जो कि मानसिक तनाव पैदा करता है। वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और गुटबाजी को बढ़ावा देकर वह एनएसयूआई को नई टीम बनाने की धमकी दे रहे थे।”

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन से निष्कासित किए गए कमल अग्रवाल ने इस संबंध में कहा है कि उन्हें ऐसा कोई ऑर्डर नहीं मिला। वह बोले,

“मुझे अभी तक निष्कासित किए जाने वाला कोई आदेश नहीं मिला है, लेकिन मीडिया के जरिए इसकी सूचना पाई है। मैंने हाल ही में हमारे प्रदेश अध्यक्ष आमिर हाशमी के साथ संगठनात्मक मामलों पर विस्तृत बातचीत की थी। क्या इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार नहीं है? हमने जय श्री राम के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएँ दीं जैसे सिख वाहे गुरु कहते हैं।”

इस मामले पर भाजपा के जिला महासचिव राकेश सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने इस कदम को ‘हिंदू विरोधी’ करार दिया। उन्होंने कहा,

“यह फैसला तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रहा है। अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के बाद झारखंड में जय श्री राम पर कॉन्ग्रेस को आपत्ति है। भगवान राम के देश में भगवान राम का नाम लेने के लिए कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा ने अपने सदस्यों को निष्कासित कर दिया। कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेता भगवान राम के अस्तित्व पर संदेह जताते हैं, जो अरबों हिंदुओं के लिए पूज्य हैं।”

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब भगवान राम को लेकर कॉन्ग्रेस ने इस तरह का रुख दिखाया है। इसी साल फरवरी में एक ऐसा मामला कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान से आया था। वहाँ जयपुर के जवाहरलाल नेहरू रोड स्थित कॉमर्स कॉलेज में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने ‘1 रुपया राम के नाम’ अभियान शुरू किया था। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा था कि यह कॉन्ग्रेस का यह स्टैंड नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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