Wednesday, November 6, 2024
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अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति सेवक वर्ग तैयार करने वाली’: नई शिक्षा नीति की PM मोदी ने बताई आवश्यकता, वाराणसी को दिया ₹1774 करोड़ की सौगात

पीएम मोदी ने कहा, "आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहाँ पहले केवल सरकार ही सब करती थी, वहाँ अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है। जो पहले कभी भी नहीं हुआ, जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज हकीकत बन रहा है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) चार महीने बाद एक बार फिर अपने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) के दौरे पर हैं और गुरुवार (7 जुलाई 2022) को उन्होंने क्षेत्रवासियों को कई सौगात दीं। उन्होंने लगभग 1774 करोड़ रुपए की 43 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditynath) भी उनके साथ मौजूद रहे।

नई शिक्षा नीति का मकसद युवाओं को skilled बनाना

पीएम मोदी ने वाराणसी की धरती पर आयोजित तीन दिवसीय ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसका मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालकर उस 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारत को एक ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया। उन्होंने कहा कि यह अंग्रेजों की शिक्षा पद्धति थी और इसका उद्देश्य सेवक वर्ग तैयार करना था। उन्होंने कहा, “काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहाँ मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है। इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा तो इससे निकलने वाला अमृत देश को नई दिशा देगा।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें skilled बनाने पर है। उन्होंने कहा, “हमारे युवा skilled हों, confident हों, practical हों और calculative हों, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।” उन्होंने कहा कि शॉर्ट-कट से देश का भला नहीं हो सकता।

भारत सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम

स्टार्टअप की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहाँ पहले केवल सरकार ही सब करती थी, वहाँ अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है। जो पहले कभी भी नहीं हुआ, जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज हकीकत बन रहा है।”

नावों के CNG का सुझाव

प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी की गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त तथा शहर को धुआँ से मुक्त बनाने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गंगा जी का ध्यान रखने वाले नाविकों की डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नावों के लिए CNG का विकल्प दिया जा रहा है।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने बच्चों से भी मुलाकात की। बच्चों ने उन्हें शिव तांडव स्तोत्रम् का पाठ सुनाया।

अत्याधुनिक किचन का उद्घाटन

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ अक्षय फाउंडेशन द्वारा स्थापित अत्याधुनिक मिड-डे मील किचन का उद्घाटन किया। इस किचन में चार घंटे में एक लाख छात्रों की खाना पकाने की क्षमता है। इस किचन में एक घंटे में करीब 40,000 रोटियाँ, 45 मिनट में 130 किलोग्राम चावल और डेढ़ घंटे में 1200 किलोग्राम दाल व सब्जी बनकर तैयार हो जाएगा। इस किचन को अर्दली बाजार स्थित एलटी कॉलेज परिसर में स्थापित की गई है।

इस किचन में खाना बनाने के लिए हर आइटम की मशीन लगी है। आटा गूँथने से लेकर चावल, दाल सब्जी धोने, मसाला पीसने और भोजन पकाने तक हर काम मशीनों से होगा। इस किचन से वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के 48 स्कूलों में पका हुआ मिड-डे मील की सप्लाई 8 जुलाई शुरू हो जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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