प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर देश के करोड़ों लोगों को उपहार दिया है। उन्होंने दिल्ली के नवनिर्मित यशोभूमि कन्वेेंशन सेंटर में रविवार (17 सितंबर 2023) को ‘विश्वकर्मा योजना’ को आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया। इस योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपए का कोष बनाया गया है, जो पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को लाभ पहुँचाएगा। आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती के साथ-साथ पीएम मोदी का 73वाँ जन्मदिन भी है।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया है, इससे 30 लाख परिवारों को सीधा लाभ होगा। इस योजना के तहत शिल्पकारों को 1 लाख रुपए तक का लोन 5 प्रतिशत के ब्याज पर दिया जाएगा। अगले चरण में यह रकम 2 लाख रुपए कर दी जाएगी। इसके साथ ही इन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसका पूरा नाम ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ या ‘पीएम विकास योजना’ (PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana – PM VIKAS) है।
यह योजना से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाएँ और कमजोर वर्ग को लाभ पहुँचाया जाएगा। इसका सीधा फायदा बढ़ई, लोहार, सोनार, मूर्तिकार, कुम्हार, दर्जी, मोची आदि को मिलेगा। इसके जरिए सरकार शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाकर उन्हें घरेलू एवं वैश्विक बाजार के साथ जोड़ना चाहती है।
आज इस कार्यक्रम में हजारों विश्वकर्मा साथी, जो हमारे साथ वीडियो के माध्यम से जुड़े हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि गांव-गांव में आप जिस शिल्प का सृजन करते हैं, उसको दुनिया तक पहुंचाने में ये बहुत बड़ा बाइब्रेंट सेंटर, सशक्त माध्यम बनने वाला है।
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ये आपकी कला, आपके कौशल को… pic.twitter.com/2b114lFWxB
भगवान विश्वकर्मा और अपने जन्मदिन पर योजना को लॉन्च करते हुए पीएम ने कहा, “हमारे यहाँ कहा गया है- जो समस्त संसार की रचना और उससे जुड़े निर्माण कार्य करता है, उसे विश्वकर्मा कहते हैं। हजारों साल से जो साथी बनाने के मूल रहे हैं, वे विश्वकर्मा हैं। जैसे हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी की भूमिका होती है, वैसे ही सामाजिक जीवन में इन विश्वकर्मा साथियों की भूमिका होती है। समाज के विकास में विश्वकर्मा साथियों का बड़ा योगदान है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी जिंदगी में लोहार, दर्जी, जूते वालों की अहमियत कभी खत्म नहीं हो सकती है। हम आज भी मटके और सुराही का पानी पीना पसंद करते हैं। शायद ही कोई गाँव होगा, जहाँ 18 प्रकार के काम करने वाले लोग नहीं होंगे। इस योजना में इस सभी लोगों को शामिल किया गया है। सरकार योजना के लिए 13,000 करोड़ खर्च करने वाली है।”
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने प्रदर्शनी केन्द्र 'यशोभूमि' का अवलोकन किया। pic.twitter.com/9KuzrEunrw
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अपने विदेशी दौरे के अपने अनुभवों को साझा करते हुए पीएम ने कहा, “मैं 30-35 साल पहले ब्रसेल्स गया था। मुझे एक मित्र ज्वेलरी मार्केट लेकर गए। उन्होंने बताया कि यहाँ मशीन से बनी ज्वेलरी की माँग कम और हाथ से बनी ज्वेलरी की माँग ज्यादा होती है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ आपके दरवाजे पर खड़ी हों, हम ये सामर्थ्य पैदा करना चाहते हैं।”
पीएम ने कहा, “विश्वकर्मा साथियों के लिए ट्रेनिंग-टूल्स बहुत जरूरी है। ट्रेनिंग के दौरान भी उन्हें रोज 500 रुपए का भत्ता सरकार की ओर से दिया जाएगा। टूलकिट के लिए 15,000 का वाउचर भी मिलेगा। मार्केटिंग में भी सरकार मदद करेगी।” इसके साथ ही पीएम ने उनसे आग्रह किया कि वे सामान GST वाली दुकानों से खरीदें और इंडिया मेड खरीदें।
जिसे कोई नहीं पूछता, उसके लिए गरीब का ये बेटा मोदी, उसका सेवक बनकर आया है।
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सबको सम्मान का जीवन देना, सभी को सुविधा पहुंचाना… ये मोदी की गारंटी है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “इस विश्वकर्मा दिवस पर हमें लोकल के लिए वोकल होने का प्रण फिर दोहराना है। अब गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली सहित अनेक त्योहार आने वाले हैं। मैं सभी देशवासियों से लोकल खरीदने का आग्रह करूँगा।”
विश्वकर्मा योजना के तहत जिन 18 व्यवसायों को शामिल किया गया है, उनके नाम हैं- बढ़ई, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और घरेलू एवं छोटेे कृषि उपकरण बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार एवं पत्थर तराशने वाले, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी-चटाई एवं झाड़ू जैसे छोटे सामान बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली का जाल बनाने वाले।
कुछ दिन पहले हमने देखा है कि कैसे भारत मंडपम को लेकर दुनिया भर में चर्चा हुई है। ये इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर-यशोभूमि इस परंपरा को और भव्यता से आगे बढ़ा रहा है।
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विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के मौके पर देश के चुनिंदा 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद, राजनाथ सिंह लखनऊ, अनुराग ठाकुर शिमला, गजेंद्र सिंह शेखावत चेन्नई, महेंद्र नाथ पांडे वाराणसी, स्मृति ईरानी झाँसी में रहे। वहीं, भूपेंद्र यादव जयपुर, नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल, एस जयशंकर तिरुवनंतपुरम, नितिन गडकरी नागपुर और अश्विनी वैष्णव भुवनेश्वर में रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर इस साल लाल किले से विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। सरकार ने छोटे कामगारों, कौशल वाले लोगों की आर्थिक मदद के लिए इस योजना को लॉन्च करने की बात कही थी। इस योजना को तीन मंत्रालयों एमएसएमई, कौशल विकास और वित्त मंत्रालय मिलकर लागू करेंगे।