प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन के अंतिम संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हम यहाँ विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। उन्होंने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहाँ संबोधन दिया गया है। उन्होंने कहा कि संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया।
बकौल पीएम मोदी, इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएँ देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने ये भी कहा कि हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते। उनहोनेउ ये भी ध्यान दिलाया कि कैसे की दुनिया में भारत का नौजवान जिस प्रकार आगे बढ़ रहा है, वो पूरे विश्व के लिए आकर्षण और स्वीकृति का केंद्र बन रहा है। साथ ही संकल्प लिया कि अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को अब बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा और हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में अंतिम दिन चले सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने की दिशा में काम करना होगा। हमारे यहाँ निर्मित डिजाइन, हमारे सॉफ्टवेयर, हमारे कृषि उत्पाद, हमारे हस्तशिल्प हर क्षेत्र में अब हमें वैश्विक मापदंडों को पार करने के इरादे से ही चलना होगा। हर छोटी चीज पर बारीकी से ध्यान देते हुए हमें आगे बढ़ना है। हमें भविष्य के लिए सही समय पर सही फैसले भी लेने होंगे। हम राजनीतिक लाभ-नुकसान के गुणा भाग में अपने आप को बंदी नहीं बना सकते। हमें देश की आकांक्षाओं के लिए हिम्मत के साथ नए निर्णय करने होंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि सामाजिक न्याय हमारी पहली शर्त है। बिना सामाजिक न्याय, बिना संतुलन, बिना समभाव के हम इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते। लेकिन, उन्होंने ये भी ध्यान दिलाया कि सामाजिक न्याय की चर्चा बहुत सीमित बनकर रह गई है, हमें उसे एक व्यापक रूप में देखना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश का पूर्वी भाग समृद्धि से भरा हुआ है, लेकिन वहाँ के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है।
उन्होंने संकल्प लिया कि ये स्थिति हमें बदलनी है और देश के पूर्वी भाग को समृद्ध बनाकर सामाजिक न्याय को मजबूती भी देनी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया के लिए एक स्थिर सप्लाई चेन के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज ये विश्व की जरूरत है और उस आवश्यकता की पूर्ति करने का काम भारत ने G20 में ‘ग्लोबल साउथ’ (गरीब देश) की आवाज बनकर किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान किया कि पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम यहाँ से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहाँ बैठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के तमाम उतार-चढ़ाव देखने वाला हमारा यह सदन जनविश्वास का केंद्र बिंदु रहा है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल की प्रथम प्रभा का प्रकाश, राष्ट्र में एक नया विश्वास, नया आत्मविश्वास भर रहा है। इस दौरान 8 बार लोकसभा सांसद रहीं गाँधी ने भी सत्र को संबोधित किया, जो मौजूदा सदन में सबसे ज़्यादा बार लोकसभा सांसद रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारत अब विश्व की शीर्ष-3 अर्थव्यवस्था बनेगा।
उन्होंने कहा कि एक सांसद के रूप में उन्होंने अपने प्रयासों से बदलाव लाने की कोशिश की है, चाहे फिर वो पर्यावरण मंत्री के तौर पर हो या फिर बीजेपी सांसद के तौर पर। इससे पहले जानकारी दी गई थी कि उनके अलावा मौजूदा सदन में सबसे ज़्यादा बार राज्यसभा सांसद रहे मनमोहन सिंह भी बोलेंगे। वहीं दोनों सदनों को मिला दे तो सबसे ज़्यादा बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद रहे शिबू सोरेन को भी संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए कहा गया है।