Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिपहले छेड़छाड़ का आरोप लगाने की धमकी, अब उड़ता ड्रोन: प्रियंका गाँधी को यूपी...

पहले छेड़छाड़ का आरोप लगाने की धमकी, अब उड़ता ड्रोन: प्रियंका गाँधी को यूपी में ‘पीड़ित’ दिखाने को कॉन्ग्रेस लाई एक और कथा

“30 घंटे से अधिक से हिरासत में रखी गई प्रियंका गाँधी जी के कमरे के ऊपर ये ड्रोन किसका है और क्यों है? जवाब कौन देगा?”

सियासी रोटी सेंकने की कोशिश में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करने वाली कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गाँधी को करीब 30 घंटे हिरासत में रखने के बाद यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनके हर कदम की ‘निगरानी’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने की धमकी भी दी थी।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका गाँधी की निगरानी किए जाने का दावा उनके सचिव ने किया है। उनका दावा है कि उन्होंने सीतापुर में एक ड्रोन देखा, जहाँ कॉन्ग्रेस महासचिव को यूपी पुलिस ने PAC गेस्ट हाउस में रखा है। प्रियंका गाँधी रविवार की देर रात लखनऊ पहुँची थीं और ‘किसानों’ के साथ ‘एकजुटता’ व्यक्त करने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थीं। लखीमपुर खीरी में ‘किसानों’ की भीड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वफादार भूपेश बघेल ने भी एक वीडियो ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “30 घंटे से अधिक से हिरासत में रखी गई प्रियंका गाँधी जी के कमरे के ऊपर ये ड्रोन किसका है और क्यों है? जवाब कौन देगा?”

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थिति उत्पन्न होने पर वहाँ पर कानून-व्यवस्था को बनाए रखना राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी है। ऐसे में जब प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पुलिस के अनुरोध को अनसुना कर दिया और उल्टे पुलिस को धमकी दे डाली तो उनके पास उन्हें हिरासत में लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। हालाँकि कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्य अपने नेता की गिरफ्तारी को राजनीतिक हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी ने इससे पहले लखनऊ की महिला पुलिस अधिकारी डॉ. अर्चना सिंह पर गला दबाने और धक्का देकर गिराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वे दारापुरी की फैमिली से मिलने जा रही थी। पुलिस ने उन्हें बार-बार रोका। गाड़ी रोके जाने पर उन्होंने पैदल जाने की कोशिश की तो उन्हें घेर कर रोका और उनके गले पर हाथ लगाया, एक बार तो उन्हें गिरा भी दिया था। बाद में प्रियंका गाँधी गला दबाने की बात से पलट गईं।

प्रिंयका के इन आरोपों परअर्चना सिंह ने कहा था, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गाँधी) फ्लीट इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई थी।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -