सियासी रोटी सेंकने की कोशिश में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करने वाली कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गाँधी को करीब 30 घंटे हिरासत में रखने के बाद यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर उनके हर कदम की ‘निगरानी’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने की धमकी भी दी थी।
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— IndiaToday (@IndiaToday) October 5, 2021
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका गाँधी की निगरानी किए जाने का दावा उनके सचिव ने किया है। उनका दावा है कि उन्होंने सीतापुर में एक ड्रोन देखा, जहाँ कॉन्ग्रेस महासचिव को यूपी पुलिस ने PAC गेस्ट हाउस में रखा है। प्रियंका गाँधी रविवार की देर रात लखनऊ पहुँची थीं और ‘किसानों’ के साथ ‘एकजुटता’ व्यक्त करने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थीं। लखीमपुर खीरी में ‘किसानों’ की भीड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी।
30 घंटे से अधिक से हिरासत में रखी गई प्रियंका गांधी जी के कमरे के ऊपर ये ड्रोन किसका है और क्यों है?
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 5, 2021
जवाब कौन देगा? pic.twitter.com/pyWDtXgjIe
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वफादार भूपेश बघेल ने भी एक वीडियो ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “30 घंटे से अधिक से हिरासत में रखी गई प्रियंका गाँधी जी के कमरे के ऊपर ये ड्रोन किसका है और क्यों है? जवाब कौन देगा?”
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थिति उत्पन्न होने पर वहाँ पर कानून-व्यवस्था को बनाए रखना राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी है। ऐसे में जब प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पुलिस के अनुरोध को अनसुना कर दिया और उल्टे पुलिस को धमकी दे डाली तो उनके पास उन्हें हिरासत में लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। हालाँकि कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्य अपने नेता की गिरफ्तारी को राजनीतिक हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी ने इससे पहले लखनऊ की महिला पुलिस अधिकारी डॉ. अर्चना सिंह पर गला दबाने और धक्का देकर गिराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वे दारापुरी की फैमिली से मिलने जा रही थी। पुलिस ने उन्हें बार-बार रोका। गाड़ी रोके जाने पर उन्होंने पैदल जाने की कोशिश की तो उन्हें घेर कर रोका और उनके गले पर हाथ लगाया, एक बार तो उन्हें गिरा भी दिया था। बाद में प्रियंका गाँधी गला दबाने की बात से पलट गईं।
प्रिंयका के इन आरोपों परअर्चना सिंह ने कहा था, “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गाँधी) फ्लीट इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई थी।”