कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था। इसमें कोरोना वायरस महामारी के चलते गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए सरकार को कुछ सुझाव दिए गए थे। उन्होंने गरीब किसानों और छोटे व मध्यम उद्योगों के बिजली बिलों को माफ करने का अनुरोध किया था।
पत्र के माध्यम से प्रियंका ने योगी से गरीबों और मध्यम वर्ग को मिलने वाले होम लोन पर भी ब्याज माफ करने को कहा था। 14 मई को लिखे पत्र में प्रियंका गाँधी ने कहा था कि ये लोग राज्य अर्थव्यवस्था की रीढ हैं।
प्रियंका गाँधी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण समाज का हर वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन लोगों की मदद करना सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कॉन्ग्रेस ने अपने ही शासित राज्य में लॉकडाउन से परेशान लोगों को राहत देना उचित नहीं समझा।
इससे साफ होता है कि कॉन्ग्रेस नेतृत्व के साथ राजस्थान सरकार का उद्देश्य जनता को भ्रमित करना और इस दौरान परेशानी से जूझ रहे लोगों पर राजनीति करना मात्र है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान बिजली बिल जमा नहीं करवाने वाले उपभोक्ताओं को अब तीन महीने का बिजली बिल एक साथ भरना पड़ेगा। अगर 31 मई तक बिल जमा नहीं करवाया तो पूरे तीन महीने की बिलिंग राशि पर 2 फीसदी पेनाल्टी देनी होगी। इतना ही नहीं बकाया राशि पर जून के पहले सप्ताह से बिजली कनेक्शन काटने शुरू कर दिए जाएँगे।
इस संबंध में जयपुर डिस्कॉम प्रबंधन ने सभी इंजीनियरों को निर्देश दे दिए गए हैं। जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते अप्रैल व मई में जारी होने वाले कृषि व 150 यूनिट तक प्रतिमाह उपभोग वाले घरेलू बिल भुगतान को 31 मई तक स्थगित किया गया था। इन्हें माफ नहीं किया था।
घरेलू व कृषि उपभोक्ता 31 मई तक बिल राशि का भुगतान करके 5% राशि के बराबर रिबेट आगामी माह में प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने अप्रैल के पहले सप्ताह में 31 मई तक बिजली बिल स्थगित किए थे। कृषि व 150 यूनिट मासिक से कम खर्च वाले उपभोक्ताओं को 31 मई तक बिल जमा नहीं करवाने की छूट दी थी।
नई टैरिफ व गर्मी में बिजली उपभोग ज्यादा होने के कारण अप्रैल व मई में बिजली बिल करीब 25 फीसदी ज्यादा राशि के मिल रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान लोग घर पर रहे, इससे बिजली का उपभोग भी बढ़ गया।
लॉकडाउन कठिनाइयों के बीच जयपुर में कई लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिजली का बढ़ा हुआ बिल मिला है और उनकी शिकायतें नहीं सुनी गईं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों ने शिकायत की कि पहले जितना भुगतान लिया जाता था इस बार उससे लगभग दो गुना-तीन गुना बिजली बिल का भुगतान लिया जा रहा है।
दरअसल राजस्थान सरकार ने इससे पहले घोषणा की थी कि कोरोना वायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के कारण राज्य में बिजली बिल दो महीने के लिए टाल दिए जाएँगे।