भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या को राजस्थान पुलिस ने बुधवार (13 अप्रैल, 2022) को हिरासत में ले लिया। दरअसल, वह राज्य में 2 अप्रैल को हुई हिंदू विरोधी हिंसा के खिलाफ भाजपा की ‘न्याय यात्रा’ में भाग लेने के लिए करौली जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
रिपोर्टों के अनुसार, तेजस्वी सूर्या, भाजपा राजस्थान के प्रमुख सतीश पूनिया और कई अन्य नेताओं को राजस्थान पुलिस ने दौसा सीमा पर हिरासत में लिया और उन्हें करौली जाने से रोक दिया गया।
BJYM President Shri @Tejasvi_Surya detained !
— BJYM (@BJYM) April 13, 2022
The fight for justice will continue.#ChaloKarauli pic.twitter.com/3zn2NO0JEq
तेजस्वी सूर्या ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “हम किसी भी कीमत पर करौली जाएँगे। हम वहाँ शांति से जाएँगे। अगर वे हमें गिरफ्तार करते हैं, तो उन्हें करने दें।” दरअसल भाजपा ने करौली में इसे ‘न्याय यात्रा’ का नाम देकर विरोध मार्च निकालने की योजना बनाई है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है।
#WATCH | BJP delegation-led by party MP Tejasvi Surya breaks into sloganeering & protest against CM Ashok Gehlot after not being allowed to visit violence-hit Karauli district pic.twitter.com/dMfbWexhk1
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 13, 2022
सूर्या ने आगे कहा, “अभी हम जहाँ पर हैं, वहाँ पर धारा 144 नहीं लगी है। करौली जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह तानाशाही सरकार हमारे अधिकार छीन रही है, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं। इससे पहले सूर्या ने ट्वीट करते हुए कहा था, “करौली दंगे राजस्थान में स्पष्ट अराजकता का संकेत देते हैं। रामनवमी शोभा यात्रा को जानबूझकर बाधित करने का प्रयास और कॉन्ग्रेस सरकार की हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई न करने का इरादा निंदनीय है।”
गौरतलब है कि राजस्थान के करौली जिले के फूटा कोट इलाके में शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को हिन्दू नव वर्ष (नव संवत्सर) के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही एक बाइक रैली पर पथराव के बाद एक दुकान और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया। बताया गया कि हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर मुस्लिम समुदाय द्वारा सुनियोजित तरीके से पथराव किया गया। मुस्लिमों ने हमलों से ठीक पहले अपनी दुकानें बंद कर दी थी।