लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए बनी I.N.D.I गठबंधन का कुनबा बिखरता नजर आ रहा है। पश्चिम बंगाल में TMC के बाद गठबंधन की एक और सहयोगी आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी पंजाब में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 24 जनवरी 2024 को राज्य में आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस, दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया। बता दें कि ये दोनों ही पार्टियाँ विपक्षी इंडी गुट में सहयोगी हैं। हालाँकि, दोनों ही अपने-अपने राज्यों में अकेले चलने का निर्णय लिया है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 24 जनवरी 2024 को ऐलान किया कि तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। अब सीएम भगवंत मान के ऐलान के बाद कॉन्ग्रेस और I.N.D.I गठबंधन को दूसरा करारा झटका लगा है।
जब सीएम भगवंत मान से ये सवाल किया गया कि ‘क्या आप भी सीएम ममता बनर्जी के अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने वाले फैसले की राह अपनाने जा रहे हैं’ तो भगवंत मान ने कहा, “पंजाब में हम ऐसा कुछ भी (कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन) नहीं करेंगे। कॉन्ग्रेस के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है।”
यही नहीं, सीएम मान ने विश्वास जताया है कि उनकी पार्टी अकेले ही राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी। बता दें कि सीएम मान के ऐलान से पहले ही पंजाब में AAP के सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाएँ जताई जा रही थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राज्य में अकेले आम चुनाव लड़ने के पंजाब यूनिट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला AAP ने कॉन्ग्रेस के सीट बँटवारे में अड़ियल रवैया अपनाने के बाद लिया है।
बता दें दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कई दौर की बातचीत हुई है। हालाँकि, हर बार सीएम भगवंत मान ने पंजाब में अपने दम पर चुनाव में उतरने की बात कही। भगवंत मान ने कहा, “हम सरकारें बनाना और चलाना जानते हैं।”
सीएम मान ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि साल 2022 में भी पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP ने अकेले दम पर 117 में से 92 सीट जीती थीं। उनका कहना था कि दिल्ली में भी AAP तीन बार जीती है। वहीं, गुजरात में भी कॉन्ग्रेस को पीछे छोड़कर AAP ने अकेले 13 फीसदी वोट हासिल किए।
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने फैसले के लिए गठबंधन के अहम सदस्य कॉन्ग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत नाकाम होने का हवाला दिया था। सीएम बनर्जी ने कहा था, “मैंने उन्हें जो भी प्रस्ताव दिया, उन्होंने सभी को अस्वीकार कर दिया। तभी से हमने पश्चिम बंगाल में अकेले जाने का फैसला किया है।”
बता दें कि सीएम बनर्जी की ऐलान कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद आया था। कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की थी। उन्हें अवसरवादी कहा था और कहा था कि पार्टी उनकी मदद के बगैर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ेगी।
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में साल 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ग्रेस को दो सीटों की पेशकश की थी। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने 10-12 सीटों की माँग की थी, लेकिन ममता इस पर राजी नहीं हुईं। वहीं, BSP सुप्रीमो मायावती भी I.N.D.I गठबंधन की आशाओं पर पानी फेर चुकी हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि कि बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी।