Tuesday, March 19, 2024
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ढोल-नगाड़े बजे, समोसे-लड्डू बँटे: 11 महीने बाद जेल से रिहा हुए नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल गाँधी को ‘क्रांति’ बताया

सिद्धू 1988 के रोड रेज के मामले में सजा काट रहे थे। रिहाई के कई घंटे पहले से ही सिद्धू समर्थक जेल के बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। जेल के बाहर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे थे। समर्थकों के बीच समोसा और लड्डू भी बाँटे जा रहे थे।

पंजाब कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार (1 अप्रैल 2023) को जेल से रिहा हो गए। सिद्धू 1988 के रोड रेज के मामले में सजा काट रहे थे। रिहाई के कई घंटे पहले से ही सिद्धू समर्थक जेल के बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। जेल के बाहर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे थे। समर्थकों के बीच समोसा और लड्डू भी बाँटे जा रहे थे।

बताया जा रहा है कि औपचारिकताएँ पूरी करने में लगे समय के कारण उनकी रिहाई में देरी हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने रिहाई में देरी का इल्जाम राज्य सरकार पर मढ़ा। रिहाई के तुरंत बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा कि मुझे दोपहर के आसपास रिहा किया जाना था लेकिन उन्होंने इसमें देरी की। वे चाहते थे कि मीडिया के लोग चले जाएँ। उन्होंने इस दौरान राहुल गाँधी की जमकर तारीफ की। सिद्धू ने कहा कि जब भी कोई तानाशाही आई है तो एक क्रांति भी आई है और इस बार उस क्रांति का नाम है राहुल गाँधी।

बता दें कि इसके पहले कॉन्ग्रेस नेता के रिहाई की जानकारी उनके ट्विटर हैंडल से शुक्रवार (31 मार्च 2023) को ही दे दी गई थी। दरअसल, साल भर की सजा के बाद जेल से उनकी रिहाई 16 मई को होनी थी। अच्छे आचरण और पैरोल न लेने के कारण उनकी सजा 48 दिन कम हो गई।

रिपोर्टों के मुताबिक पंजाब में जेल में मिले काम को सही तरीके से करने और अच्छे आचरण वाले कैदी को हर महीने 4 दिन की माफी मिलती है। सिद्धू दोनों पैमानों पर खड़े उतरे इसलिए उन्हें समय से पहले रिहाई मिली। जेल के बाहर दोपहर से ही समर्थक उनका इंतजार कर रहे थे। ढोल नगाड़े बजाकर समर्थकों ने सिद्धू का स्वागत किया। इसके अलावा पटियाला जेल के बाहर समोसा और लड्डू भी बाँटे गए।

पंजाब कॉन्ग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ट्वीट कर सिद्धू का स्वागत किया। उन्होंने लिखा कि नवजोत सिंह सिद्धू का स्वागत है। जैसे ही आप सभी पंजाबियों की सेवा में सार्वजनिक जीवन शुरू करेंगे, आपसे मुलाकात होगी।

उम्मीद जाहिर की जा रही थी कि अमरिंदर सिंह खुद पटियाला सेंट्रल जेल पहुँचकर सिद्धू का स्वागत करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जेल के बाहर सिद्धू के बेटे करण सिद्धू, सांसद गुरजीत औजला, मोहिंदर सिंह केपी, अश्विनी सेखड़ी मौजूद रहे।

क्या है रोडरेज का मामला ?

बता दें, सिद्धू का वर्ष 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था। सिद्धू ने एक बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी। सिर पर गंभीर चोट लगने के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को ए‍क हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई थी। 20 मई 2022 को सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में सरेंडर किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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