Thursday, October 10, 2024
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तलाक़ क़ानून करेंगे ख़त्म; मोदी है डरपोक, नहीं करता डिबेट: कॉन्ग्रेस

इस दौरान भी राहुल गाँधी मौजूद रहे। कॉन्ग्रेस के इस बयान से यह बात स्पष्ट हो रही है कि वह मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ़ दिलाने के उद्देश्य से बनाए गए तीन तलाक़ क़ानून के ख़िलाफ़ है।

मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर बनाए गए तीन तलाक़ क़ानून को लेकर कॉन्ग्रेस की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि अगर केंद्र में उनकी सरकार बनती है तो तीन तलाक़ क़ानून को ख़त्म कर दिया जाएगा। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कॉन्ग्रेस अल्पसंख्यक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने राहुल गाँधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो मुझसे बस 15 मिनट डिबेट करके दिखाएँ। लेकिन मैं जानता हूँ कि वह डरपोक हैं।

इसके अलावा अल्पसंख्यक मोर्चा सम्मेलन में महिला कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुष्मिता देव ने भी तीन तलाक़ क़ानून को ख़त्म करने की बात कही है। सुष्मिता ने कहा कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनती है, तो हम तीन तलाक़ क़ानून को ख़त्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस एक बार में तीन तलाक़ देने के खिलाफ़ है, लेकिन इसके खिलाफ़ बने क़ानून का वह समर्थन नहीं करती।

बता दें कि इस दौरान भी राहुल गाँधी मौजूद रहे। कॉन्ग्रेस के इस बयान से यह बात स्पष्ट हो रही है कि वह मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ़ दिलाने के उद्देश्य से बनाए गए तीन तलाक़ क़ानून के ख़िलाफ़ है।

बीते दिनों महिला को हलाला करने के लिए किया गया था मजबूर

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने ‘तीन तलाक़’ देने के बाद हलाला करवाने पर मज़बूर किया। आरोपित ने अपनी पत्नी को अपने पिता (पीड़िता के ससुर) के साथ ज़बरन हलाला करवाया। पीड़िता की बहन ने अदालत में अर्ज़ी देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा:

“पहले मेरे शौहर ने मुझे तलाक़ दे दिया और दुबारा निकाह करने के लिए ससुर के साथ हलाला करवाया। अब वह फिर से तलाक़ देने के बाद देवर से हलाला कराने की ज़िद कर रहा है।”

बरेली के बानखाना निवासी पीड़ित महिला ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन करते हुए बताया कि वर्ष 2009 में उसका निकाह गढ़ी-चौकी निवासी वसीम से हुआ था। निकाह के 2 वर्ष बाद ही वसीम ने ‘तीन तलाक़’ देकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। काफ़ी मिन्नतों के बाद वह फिर से पीड़िता को अपने घर में रखने को तैयार हुआ, लेकिन उसने एक शर्मनाक शर्त रख दी।

पीड़िता की बहन ने वसीम और उसके परिवार द्वारा किए गए अत्याचार के बारे में बताते हुए कहा:

“जब मेरी बहन ने ‘हलाला’ की प्रक्रिया से गुजरने से इनकार कर दिया, तो उसके ससुराल वालों ने उसे जबरन इंजेक्शन लगा कर, उसके ससुर के साथ हलाला की ‘रस्म’ पूरी करवाई। अगले 10 दिनों तक, बुजुर्ग व्यक्ति ने मेरी बहन के साथ लगातार बलात्कार किया और फिर उसे ‘तीन तलाक़’ दे दिया ताकि वह अपने पति से दोबारा शादी कर सके। लेकिन, जनवरी 2017 में, उसने फिर से मेरी बहन को तलाक़ दे दिया और फिर परिवार ने उसे उसके पति के छोटे भाई के साथ ‘हलाला’ से गुज़रने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया।”

इतना ही नहीं, आरोपितों ने पीड़िता को ₹15 लाख लेकर मामला ख़त्म करने की भी पेशकश की। लेकिन, पीड़िता ने कहा की वह इंसाफ़ चाहती है और उसने रुपए लेने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाना चाहती है। अपनी बहन के घर रह रही पीड़िता ने कहा कि रोज़-रोज़ कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना उसके वश की बात नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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