Sunday, April 28, 2024
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कन्हैया लाल की हत्या, हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध: नेता जोड़ने निकले थे इंडिया को… भारत के लोगों ने दिया ‘सनातन जवाब’

राजस्थान के चुनाव में आतंकी हमले के शिकार हुए टेलर कन्हैया लाल का मुद्दा भी उछला था। राजस्थान कॉन्ग्रेस की सरकार में महिला उत्पीड़न और हिंदुओं पर हमलों हुए लगातार हमलों ने कॉन्ग्रेस सरकार को बैकफुट ला दिया था।

हाल में संपन्न हुए पाँच विधानसभा चुनावों में से चार राज्यों में आज रविवार (3 दिसंबर 2023) मतगणना जारी है। इसमें भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाती दिख रही है। वहीं, तेलंगाना में सत्ताधारी BRS से आगे कॉन्ग्रेस है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस की सरकार थी और अब वहाँ भाजपा लीड कर रही है। वहीं, मध्य प्रदेश में भाजपा वापसी कर रही है।

इन सब चुनावों में राजस्थान का चुनाव बेहद ही खास था। यहाँ मुकाबला काँटे का बताया जा रहा है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि प्रदेश में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस सरकार फिर से वापसी करेगी और हर पाँच साल पर सरकार बदलने का यहाँ का पुराना रिवाज टूटेगा। हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की एक रैली में कॉन्ग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था।

राजस्थान के चुनाव में आतंकी हमले के शिकार हुए टेलर कन्हैया लाल का मुद्दा भी उछला था। राजस्थान कॉन्ग्रेस की सरकार में महिला उत्पीड़न और हिंदुओं पर हमलों हुए लगातार हमलों ने कॉन्ग्रेस सरकार को बैकफुट ला दिया था। प्रदेश में आतंकियों के मनोबल ने इतना बढ़ा था कि वे खुलेआम हमले कर रहे थे और सरकार भी हिंदुओं के रामनवमी और हनुमान जयंती त्योहार में शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध लगा रही थी।

कॉन्ग्रेस सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की पुरानी नीति ने राजस्थान में हिंदुओं को उद्वेलित किया और एक बार फिर पुरानी राजनैतिक पार्टी को दोहराते हुए भाजपा की वापसी का रास्ता साफ किया। सामने आ रहे रूझानों से साफ पता चल रहा है कि राजस्थान में कन्हैयालाल की हत्या वाले फैक्टर ने बहुत बड़ा काम किया है। हालाँकि, ‘लाल डायरी’, परीक्षा पत्र का आउट होना, भर्तियों में भ्रष्टाचार, महिलाओं के प्रति हिंसा आदि ने भी इसमें महत्वपूर्ण रोल निभाए।

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में चुनावी प्रचार के दौरान 12 नवंबर 2023 को कन्हैया लाल को लेकर बेतुका दावा किया था। उन्होंने अपनी सरकार की खामियों को दबाने के लिए कन्हैया लाल की हत्या करने दोनों आरोपितों- रियाज और गौस मोहम्मद को ‘बीजेपी के लोग‘ बता दिया था। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 10 नवंबर 2023 को उदयपुर में एक रैली में इस हत्याकांड का जिक्र किया था।

अशोक गहलोत ने कहा था, “कन्हैया लाल की हत्या करने वाले कौन लोग थे? ये बीजेपी के लोग थे। उन्हें (मोदी) इस बारे में जानकारी नहीं दी गई होगी। जब उन्हें (आरोपितों को) से 4-5 दिन पहले एक मामले में पुलिस स्टेशन ले जाया गया तो यह भाजपा के लोग ही थे जिन्होंने उन्हें जमानत दिलाई थी। क्या वह ये नहीं जानते? फिर वह (मोदी) कैसे बोल सकते हैं?”

उल्लेखनीय है कि 28 जून 2022 को उदयपुर के कन्हैयालाल का गला उनके ही दुकान में घुसकर मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने काट दिया था। उनकी अस्थियों को आज भी विसर्जन का इंतजार है, क्योंकि हत्यारों को आज तक सजा नहीं हुई है। कन्हैयालाल की बर्बर हत्या के बाद हत्यारों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।

पीएम मोदी ने चितौड़गढ़ की एक जनसभा को संबोधित करते हुए 2 अक्टूबर को कहा था, “यहाँ अशोक गहलोत सोते-जागते मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में लगे थे और आधी कॉन्ग्रेस उनकी कुर्सी गिराने में जुटी थी। जनता को अपने हाल पर छोड़कर ये लोग आपसी लड़ाई में व्यस्त रहे। कॉन्ग्रेस ने राजस्थान को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी।”

उन्होंने आगे कहा था, “5 साल में कॉन्ग्रेस सरकार ने राजस्थान की साख को तबाह कर दिया है। मैं बहुत दुखी मन से कहता हूँ कि जब अपराध, दंगे, महिलाओं-दलितों पर अत्याचार की बात होती है तो राजस्थान टॉप पर आता है। मैं बहुत दुःख के साथ आपने पूछता हूँ कि क्या 5 साल पहले आपने इसलिए राजस्थान को वोट दिया था?”

पीएम मोदी ने कहा था कि उदयपुर में जो हुआ उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लोग कपड़े सिलवाने के बहाने आते हैं और बिना किसी डर या खौफ के दर्जी का गला काट देते हैं, इस मामले में भी कॉन्ग्रेस को वोट बैंक नजर आया। उन्होंने कॉन्ग्रेस से पूछा कि उदयपुर दर्जी हत्याकांड में कॉन्ग्रेस पार्टी ने क्या किया, वोट बैंक की राजनीति की?

दरअसल, कन्हैया लाल की हत्या करने वाले दोनों इस्लामी कट्टरपंथियों के भाजपा होने का दावा सिर्फ अशोक गहलोत ने ही नहीं किया था, बल्कि कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी किया था। उन्होंने कहा था कि दोनों आतंकी भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य थे और उनके कई भाजपा नेताओं के साथ फोटो और वीडियो हैं।

हालाँकि, कॉन्ग्रेस का यह दावा पूरी तरह झूठ है। रियाज और गौस मोहम्मद भाजपा के कार्यक्रमों में जाकर फोटो जरूर खींचवा लेते थे, लेकिन वे भाजपा के सदस्य नहीं थे और ना ही उन्हें आधिकारिक तौर कार्यक्रमों में बुलाया जाता था। वे दोनों के भाजपा की हिंदुत्व वाली नीतियों के मुखर आलोचक भी थे। ये कई मीडिया रिपोर्ट में कहा जा चुका है। फिर भी कॉन्ग्रेस झूठे दावे करके प्रदेश की जनता को गुमराह करने की कोशिश पूरे चुनाव के दौरान की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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