राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कहते रहे हैं कि वो अपने राज्य में सीएए को लागू नहीं होने देंगे। अब उन्हें अपने ही राज्य के विधानसभाध्यक्ष से तगड़ा झटका मिला है। स्पीकर सीपी जोशी ने कहा है कि राजस्थान को सीएए लागू करना ही पड़ेगा। जोशी ने कहा कि भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून को पास किया है और राज्य सरकार को इसे लागू करना ही पड़ेगा। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि नागरिकता केंद्र सरकार के आधीन विषय है, न कि राज्य सरकार के। अब सीपी जोशी के बयान से कॉन्ग्रेस की चिंता बढ़ सकती है।
सीपी जोशी ने कहा कि राज्य सरकार को सीएए में बदलाव करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मोटर व्हीकल्स एक्ट् भी केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया लेकिन इसमें राज्यों को अधिकार था कि वो इसे लागू करें या नहीं। नागरिकता के बारे में बोलते हुए जोशी ने बताया कि ये भारतीय संविधान के भीतर एक ऐसा विषय है, जिससे राज्य सरकारें छेड़छाड़ नहीं कर सकतीं।
सीपी जोशी लम्बे समय तक कॉन्ग्रेस से जुड़े रहे हैं। अशोक गहलोत की सरकार आने के बाद उन्हें राजस्थान विधानसभा में स्पीकर बनाया गया। सीपी जोशी 2009 में पहली बार जीत कर सांसद बने थे। इसके बाद उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। उनका बयान अशोक गहलोत के बयान के उलट है। अशोक गहलोत ने सीएए को लेकर कहा था:
“मैं पहले ही घोषणा कर चुका हूँ। राजस्थान में न तो सीएए लागू होगा और न ही हमारी सरकार एनआरसी लागू करेगी। आप बहुमत से कानून तो बना सकते हैं, लेकिन लोगों का दिल नहीं जीत सकते। अकेले उत्तर प्रदेश में 15 लोग मारे गए। गोली वहीं चल रही है, जहाँ भाजपा की सरकारें हैं। असम में एनआरसी कामयाब नहीं हो पाई। वहाँ एनआरसी में 16 लाख हिंदू बाहर हो गए। अब नागरिकता संशोधन क़ानून लाया गया है। यह अव्यवहारिक है।
#NewsAlert – Govt of India has passed Citizenship Amendment Act and the State government has to implement it. Under the Constitution, citizenship is a subject of the Centre, not of the State: CP Joshi, Rajasthan Assembly Speaker@_pallavighosh with details#CitizenshipShowdown pic.twitter.com/8iiPeWBwd8
— News18 (@CNNnews18) February 9, 2020
अशोक गहलोत ने ये बातें जयपुर में ‘संविधान बचाओ शांति मार्च’ के बाद गाँधी सर्किल पर आयोजित सभा में कही थी। सीपी जोशी के बयान से साफ़ हो गया है कि कॉन्ग्रेस में तो सीएए को लेकर मतभेद है ही, राजस्थान में सरकार और स्पीकर के बीच भी तालमेल की कमी है। राज्य में मुख्यमंत्री गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की कलह भी रह-रह कर सामने आती रहती है।