Sunday, November 17, 2024
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ऑडियो- ‘लाशों पर राजनीति, CRPF को धमकी, डिटेंशन कैंप का डर’: ममता बनर्जी का एक और ‘खौफनाक’ चेहरा

“पार्थो, तुम अपना वोट डालो, फिर उसके बाद हम बैठेंगे और निर्णय लेंगे। मैं सीआरपीएफ के जवानों समेत सभी को गिरफ्तार करवाऊँगी। सभी लाशों को तैयार रखना। कल इन्हीं लाशों के साथ एक रैली की जाएगी। उनके परिवार वालों को बता दो कि लाशें उन्हें नहीं सौंपी जा सकती हैं। सब कुछ ठीक हो जाएगा।“

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पाँचवे चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के नेता पार्थो प्रतिम रॉय की बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है।  

शुक्रवार (16, अप्रैल) को पत्रकार पायल मेहता ने यह कथित ऑडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर किया। इस क्लिप में ममता बनर्जी को सीआरपीएफ के जवानों को टीएमसी के चार उपद्रवियों को मारने के लिए जेल में डालने की बात कहते हुए सुना जा सकता है। इन उपद्रवियों ने सीआरपीएफ के जवानों के हथियारों को छीनने का प्रयास किया था। इसके अलावा ममता को रॉय से यह भी कहते सुना गया कि वो जनता की संवेदना और वोट हासिल करने के लिए लाशों के साथ एक राजनैतिक रैली का आयोजन करें।  

ममता ने कहा, “पार्थो, तुम अपना वोट डालो, फिर उसके बाद हम बैठेंगे और निर्णय लेंगे। मैं सीआरपीएफ के जवानों समेत सभी को गिरफ्तार करवाऊँगी। सभी लाशों को तैयार रखना। कल इन्हीं लाशों के साथ एक रैली की जाएगी। उनके परिवार वालों को बता दो कि लाशें उन्हें नहीं सौंपी जा सकती हैं। सब कुछ ठीक हो जाएगा। तुम अपना वोट डालो और शांति रखो। वो यह सब इसलिए कर रहे हैं जिससे तुम अपना वोट न डाल सको।“

इसके बाद ममता ने सीआरपीएफ के द्वारा मारे गए उपद्रवियों के राजनैतिक संबंधों के बारे में पूछताछ की। यह जानने के बाद कि मारे गए उपद्रवी उन्हीं की पार्टी के सदस्य थे, ममता ने रॉय को एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी। हालाँकि, ममता ने रॉय से कहा कि वह एफआईआर न करवाएँ बल्कि वह खुद मारे गए उपद्रवियों के परिवार वालों से चुनाव के बाद वकील की सहायता से एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहेंगी। ममता ने यह भी कहा कि फिलहाल पुलिस भी उनके परिवार वालों का कोई बयान नहीं लेगी।

टीएमसी प्रमुख ने कहा, “हमें वकीलों की सहायता से दोषियों के खिलाफ एक मजबूत केस दर्ज कराना होगा। अब बेफिक्र होकर वोट करो। अपने पोलिंग एजेंट्स पर भरोसा रखो। बूथ पर जाओ और लोगों को बताओ कि सुरक्षा बलों ने ऐसा इसलिए किया जिससे लोग वोट डालने से डर जाएँ। बताओ कि वो (भाजपा) एनपीआर लागू करने और डिटेन्शन कैंप बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।“

भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने ऑडियो क्लिप पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनकी कुटिलता और लाशों पर राजनैतिक नैरेटिव बनाने की इच्छा को दिखाता है।  

ममता बनर्जी के घेराव के आह्वान के बाद भीड़ ने किया था सीआईएसएफ के जवानों पर हमला :

पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान सितलकुची के जोरपाटका में हिंसक भीड़ ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों (सीआईएसएफ) की एक टीम पर हमला कर हथियार छीनने का प्रयास किया था। जिसके बाद आत्मरक्षा में सीआईएसएफ की टीम को मजबूरी में ओपन फायर करना पड़ा।

इस फायरिंग में चार उपद्रवियों मोनिरुज्जमान, हमीदुल मियाँ, नूर अल्मा मियाँ और समीउल हक की मौत हो गई थी। हालाँकि, मामले को राजनैतिक रंग देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केन्द्रीय बलों ने वोटिंग के लिए लाइन में खड़े व्यक्तियों पर गोली चलाई है। ममता बनर्जी द्वारा केन्द्रीय सुरक्षा बलों के घेराव के आह्वान के बाद यह घटना घटी।

कूच बिहार एसपी ने अराजक तत्वों के खिलाफ सीआईएसएफ की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा था कि कार्रवाई ‘आत्मरक्षा’ में की गई। उन्होंने कहा कि 300-350 लोगों की भीड़ ने सीआईएसएफ की टीम पर हमला किया था और उनके हथियार छीनने की कोशिश की। जिसके बाद टीम उपद्रवियों पर गोली चलाने के लिए मजबूर हो गई।

इसके अलावा उसी दिन उपद्रवियों के द्वारा एक युवक आनंद बर्मन की हत्या कर दी गई थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कैमरे के सामने आकर यह कहा था कि आनंद को इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह भाजपा के लिए काम करता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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