Tuesday, November 5, 2024
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CM के लिए चुने गए रेवंत रेड्डी तो सोनिया गाँधी बन गईं ‘तेलंगाना की माँ’: जिसे KCR सरकार ने 7 बार करवाया हाउस अरेस्ट, उसी ने ठोक दी BRS की ताबूत में कील

वित्तीय आयोग द्वारा ग्राम पंचायत को फंड न देने के बाद सरपंचों ने आंदोलन किया था, उसमें भी उन्हें रेवंत रेड्डी का साथ मिला और उस दौरान उन्हें फिर हाउस अरेस्ट किया गया।

कॉन्ग्रेस पार्टी ने घोषणा कर दी है कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वो फ़िलहाल राज्य में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मुख्यमंत्री पद का दायित्व मिलने की घोषणा के बाद रेवंत रेड्डी ने सोशल मीडिया के माध्यम से आलाकमान का धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान सोनिया गाँधी को ‘हम सब की प्रिय तेलंगाना की माँ’ तक बता दिया। वहीं उन्होंने प्रियंका गाँधी को करिश्माई नेता करार दिया। रेवंत रेड्डी ने इस दौरान कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी उनकी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया।

रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों के माध्यम से जनता से संपर्क साधा और KCR की सरकार पर हमलावर रहे। उन्हें 1 दिन की जेल भी हुई थी। चेरलापल्ली सेन्ट्रल जेल से निकलने के बाद उन्होंने ऐलान किया था कि वो ये सुनिश्चित करेंगे कि मुख्यमंत्री KCR के लिए तेलंगाना में कोई राजनीतिक जमीन न बचे। रेवंत रेड्डी ने ABVP से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 2017 में कॉन्ग्रेस में आने से पहले लंबे समय तक TDP में रहे।

2021 में उन्होंने पार्टी ने जब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी तब संगठन में कई लोग उन्हें जानते तक नहीं थे। दिसंबर 2018 में जब उन्होंने केसीआर के कोसी दौरे के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया था तो उन्हें हाउस अरेस्ट में डाल दिया गया था। मार्च 2020 में KCR के बेटे KTR के नए-नए बने फार्महाउस के ऊपर से ड्रोन उड़ने के लिए उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया। दिसंबर 2020 से लेकर मार्च 2023 तक 7 बार तेलंगाना पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा।

जुलाई 2021 में तेलंगाना में जमीनों के ई-ऑक्शन में 1000 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों के बाद उन्होंने प्रदर्शन का ऐलान किया, तो उन्हें जुबली हिल्स स्थित उनके आवास में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। उसी साल दिसंबर में भूपलपल्ली में धान खरीद के मुद्दे पर किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया। मार्च 2022 में उन्हें ओस्मानिया यूनिवर्सिटी में जाने से रोक दिया गया। उस दौरान कई परीक्षाओं में हुए पेपर लीक के बाद राज्य में आंदोलन तेज़ था।

वित्तीय आयोग द्वारा ग्राम पंचायत को फंड न देने के बाद सरपंचों ने आंदोलन किया था, उसमें भी उन्हें रेवंत रेड्डी का साथ मिला और उस दौरान उन्हें फिर हाउस अरेस्ट किया गया। न सिर्फ BRS, बल्कि अपनी पार्टी के लोग भी उनके पीछे लगे थे। आलाकमान से शिकायत की गई कि वो एकतंत्रीय व्यवस्था चलाते हैं और अपने समर्थकों को आगे बढ़ाते हैं। कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ भी दी। कर्नाटक में जीत से भी तेलंगाना में कॉन्ग्रेस को फायदा मिला।

वहीं भाजपा ने जुलाई 2023 में अचानक से फायरब्रांड नेता बंदी संजय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर उनकी जगह केंद्रीय मंत्री G किशन रेड्डी को भेज दिया। इससे भाजपा का चुनावी अभियान कमजोर पड़ा। रेवंत रेड्डी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता पार्टी के नेता रहे जयपाल रेड्डी की भतीजी से शादी की है। छात्र नेता के रूप में ही उन्होंने महबूबनगर में गाँवों में पाँव जमाने शुरू कर दिए थे। TDP ने उन्हें कोदंगल में अपना आधार मजबूत करने का अवसर दिया। अब वो तेलंगाना के मुख्यमंत्री बन रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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