Monday, October 7, 2024
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‘उत्तर प्रदेश को बंगाल नहीं बनने देंगे’: इटावा में EVM की निगरानी के नाम पर सड़कों पर लाठी-डंडों के साथ उतरे सपाई, खुद ही चला रहे चेकिंग अभियान

प्रशांत पटेल उमराव ने ट्वीट किया, "इटावा में लाल टोपी वाले गुंडे हिंसा की तैयारी करते हुए। उत्तर प्रदेश को बंगाल नहीं बनने देंगे।"

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनता हुआ दिखाया गया है। जिसके बाद अखिलेश यादव के EVM ले जाने को लेकर दिए बयान से सपा में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहाँ एक तरफ हार के डर से इसे हिंसा की तैयारी बताया जा रहा है वहीं इटावा का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कथित रूप से सपा कार्यकर्ता बताए जा रहे लोग लाठी-डंडों के साथ नजर आ रहे हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 10 मार्च को आनेवाला है।

प्रशांत पटेल उमराव ने ट्वीट किया, “इटावा में लाल टोपी वाले गुंडे हिंसा की तैयारी करते हुए। उत्तर प्रदेश को बंगाल नहीं बनने देंगे।”

वीडियो में जिस तरह से नारे लगाते हुए सपा कार्यकर्ता जा रहे हैं, उससे कई कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव का कहना है कि रिजल्ट आने से पहले EVM पर समाजवादी पार्टी कड़ी नजर रख रही है। सपा ने निगरानी के लिए सभी जिलों में प्रभारी नियुक्त किए हैं। इनके अलावा पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों और प्रत्याशियों को आखिरी समय तक मतगणना स्थल पर डटे रहने का भी निर्देश दिया है।

यहाँ तक कि कहा जा रहा है अखिलेश यादव के निर्देश के बाद सपा के बड़े नेता भी इटावा जिले में मतगणना होने वाली जगह पर देर रात पहुँच गए। इन नेताओं में अखिलेश यादव के चचेरे भाई जिलापंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव भी शामिल हैं, जिन्हें सपा ने जिले में मतगणना के लिए प्रभारी बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया अन्य जिले में EVM पकड़ने की शिकायत आ रहीं है, इसलिए हम दिन-रात अपने वोटों और EVM की सुरक्षा में डटे रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि यहाँ पर कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे। हम सभी पदाधिकारी मौजूद हैं और मतगणना के आखिरी समय तक डटे रहेंगे।

कल ही अखिलेश यादव ने EVM को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे जिसका चुनाव आयोग ने खंडन करते हुए बताया कि वाराणसी में मिले EVM ट्रेनिंग के लिए ले जाए जा रहे थे। वहीं EVM की सुरक्षा के नाम पर सपा कार्यकर्ताओं ने देर रात सिटी मजिस्ट्रेट के साथ-साथ कई अधिकारियों की गाड़ियों की भी तलाशी ले ली। यहाँ तक कि अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव सपा कार्यकर्ताओं के साथ मतगणना स्थल के गेट पर ही धरने पर बैठ गए थे।

जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुँच गए। पुलिसकर्मियों को देख सपाइयों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट और SP सिटी की गाड़ी चेक की। ADM जय प्रकाश सिंह ने बताया कि सपा कार्यकर्ताओं के मन में किसी प्रकार का संशय है। इसलिए मतगणना स्थल के बाहर गेट पर वह बैठे हैं। जिसे देखते हुए सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर की दृष्टि से गेट के पास पुलिस फोर्स तैनात की गई है। स्ट्रॉन्ग रूम कड़े सुरक्षा घेरे में है।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स पर सवाल खड़े किए हैं। गुरुवार (10 मार्च, 2022) को आने वाले चुनाव परिणाम से पहले लगभग सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा की बड़ी जीत दिखाई जा रही है, जिससे पता चल रहा है कि योगी आदित्यनाथ दोबारा देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में लौटने वाले हैं। जिससे प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराज़ दिख रहे अखिलेश यादव ने EVM को कोसना शुरू कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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