पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के स्थानीय नेताओं द्वारा यौन दुराचार करने के मामले में घिरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का बेस है। वहाँ पहले भी दंगे हो चुके हैं। ममता के इस बयान पर भाजपा ने तृणमूल सुप्रीमो को आड़े हाथों लिया है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली में बाहर से आकर बीजेपी के कार्यकर्ता मास्क पहनकर बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहाँ टारगेट शाहजहाँ शेख था। ED ने सबसे पहले उसे निशाने पर लिया और अब बीजेपी बाहर से लोगों को ला रही है। शाहजहाँ को एक तरह से क्लिनचिट देते हुए ममता ने कहा, “इस मामले में हमने एक्शन लेते हुए एक कमेटी बनाई है।”
संदेशखाली हिंसा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने कभी भी अन्याय का समर्थन नहीं किया। मैंने राज्य आयोग और प्रशासन को वहाँ भेजा है। इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हमारी महिला टीम वहाँ मौजूद है। एक महिला पुलिस टीम लोगों से मुलाकात कर रही है। उनकी शिकायतों को सुनने के लिए उनके दरवाजे पर है।”
ममता ने आगे कहा, “हम निश्चित रूप से उन मुद्दों का समाधान करेंगे, जो रिपोर्ट किए जाएँगे। मुझे इस पर कार्रवाई करने के लिए पहले मामले को जानना होगा। वहाँ आरएसएस का बेस है। वहाँ 7-8 साल पहले दंगे हुए थे। यह एक संवेदनशील दंगा स्थल है। हमने सरस्वती पूजा के दौरान स्थिति को दृढ़ता से सँभाला, अन्यथा कुछ और प्लान था।”
On Sandeshkhali violence, West Bengal CM Mamata Banerjee says "I have never supported injustice. I sent the state commission and administration there. 17 people have been arrested so far…Our women's team is present there. A women police team is visiting people at their… pic.twitter.com/n9ZPR7BBnC
— ANI (@ANI) February 15, 2024
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ममता जी ने जो बात कही है, वह बेहद शर्मनाक बात कही है। जो महिलाएँ टीम के साथ अपने चेहरे को आधा ढँक कर अपने खिलाफ यौन शोषण की बात कह रही थीं, उनको लेकर इन्होंने (ममता बनर्जी ने) कहा है कि ये महिलाएँ अपना मुँह खोलकर क्यों नहीं बोलतीं? मैं इनके खिलाफ कार्रवाई करूँगी।”
रविशंकर ने आगे कहा, “उन्होंने कहा कि संदेशखाली RSS का बर्नर है। इसका क्या मतलब है? आप इतना क्रूर और महिला विरोधी कैसे हो सकती हैं ममता जी? आज आपके TMC के गुर्गे रात में महिलाओं के दरवाजे खटखटाते हैं। उनका यौन शोषण करने का प्रयास करते हैं। ये महिलाएँ खुलकर बोल रही हैं। वो राज्यपाल जी के समाने गईं। दुनिया के सामने अपनी भयावहता खुद बयां कर रही हैं और ममता जी कह रही हैं कि RSS बर्नर है।”
#WATCH | Delhi: On West Bengal CM Mamata Banerjee's statement in the state assembly, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "… It is rather shameful on her part to say this. She has threatened action against the Sandeshkhali victims and dared them to show their faces to the media. I… pic.twitter.com/znmzWfzoRx
— ANI (@ANI) February 15, 2024
इससे पहले संदेशखाली मुद्दे को लेकर स्मृति ईरानी ने भी बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला था। स्मृति ईरानी ने कहा था कि संदेशखाली की हिंदू महिलाएँ मदद माँग रही हैं। टीएमसी नेता शाहजहाँ कहाँ है? ममता और उनकी सरकार के लोगों ने कभी उन गुंडों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। स्मृति ईरानी ने यह भी दावा किया था कि महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक है।
बता दें कि पुलिस ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को कहा था कि संदेशखाली पर मीडिया ने जानबूझकर गलत खबर फैलाई। उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है कि स्थानीय महिलाओं से रेप हुआ है।इसलिए पुलिस उन मीडिया संस्थानों के खिलाफ एक्शन लेगी, जिन्होंने ऐसी खबरें फैलाने का काम किया है।
पुलिस ने कहा कि संदेशखाली में राज्य महिला आयोग द्वारा की गई जाँच में अभी तक किसी महिला के द्वारा रेप की कोई शिकायत नहीं दी गई है। राज्य महिला आयोग की टीम में 10 महिला सदस्य हैं और इसकी अध्यक्षता डीआईजी-सीआईडी कर रही हैं। इस टीम ने संदेशखाली में दौरा किया और उन्होंने भी यही कहा कि स्थानीय महिलाओं ने जाँच में रेप की बात नहीं कही है।
वहीं, बंगाल अशोकनगर के टीएमसी विधायक नारायण गोस्वामी ने एक इंटरव्यू में संदेशखाली की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “संदेशखाली की जनजातीय महिलाओं को उनके डील-डौल, रंग-रूप से पहचाना जा सकता है। लेकिन जो महिलाएँ कैमरे पर आकर आरोप लगा रही हैं वो गोरी हैं। क्या फिर भी हम उन्हें स्थानीय जनजातीय महिला कहेंगे।”
संदेशखाली का दौरा करके लौटे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा, “मुझे संदेशखाली के बारे में रिपोर्ट मिली है। बहुत से लोग बहुत कुछ कहना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दे रहे। पीड़ित लोग अनुसूचित जाति के हैं। उनको सुनने के लिए पूरा कमीशन आया है। इन लोगों की बातों को सुनकर मैं राष्ट्रपति को रिपोर्ट दूँगा। सच और झूठ लोगों की बात से पता चलेगा। एकतरफा राज्य सरकार जो कर रही है, उस पर भरोसा नहीं कर सकते।”
बता दें कि इससे पहले संदेशखाली की एक महिला ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि टीएमसी के गुंडों द्वारा बलात्कार की बात बताने पर रेप का मेडिकल प्रमाण पत्र दिखाने के लिए कहा जा रहा है। महिला ने पूछा कि आखिर कौन-सी पीड़िता सामने आकर यह स्वीकार करेगी। महिला ने बताया कि उसके साथ यौन दुराचार नहीं हुआ है, लेकिन गाँव की कई महिलाओं के साथ ऐसा हुआ है।
ध्यान देने वाली बात है कि संदेशखाली में पिछले कुछ दिनों से महिलाएँ सत्ताधारी पार्टी के गुंडों के विरुद्ध सड़कों पर उतरी हुई हैं। इस दौरान उन्होंने टीएमसी गुंडों के भयावह कारनामों का खुलासा किया है। महिलाओं ने बताया कि वहाँ की महिलाओं के साथ टीएमसी के गुंडों द्वारा रेप और गैंगरेप आम बात है। वो टीएमसी की महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते।
महिलाओं का आरोप है कि पार्टी की मीटिंग में ये नेता सिर्फ महिलाओं को ही बुलाते हैं। महिला कार्यकर्ताओं को धमकाते हुए कहते हैं कि पति को मरने से बचाना है तो पार्टी के दफ्तर में आना पड़ेगा। जब महिलाएँ पार्टी के दफ्तर जाती हैं तो टीएमसी के गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें अपनी अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए चुप रहना पड़ता है।
महिलाओं का ये भी आरोप है कि टीएमसी के गुंडे जमीनों पर कब्जा करते हैं और विरोध करने वालों को गैंगरेप की धमकी देते हैं। यही नहीं, उन्हें जो भी महिला पसंद आती है, उसे उठाकर अपने साथ ले जात हैं और मन भर जाता है तो घर भेज देते हैं। महिलाओं का यह भी आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस टीएमसी के गुंडों के लिए सहायक का काम करती है और पीड़ितों को ही दबाती है।