शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहते हैं। अब वे अपने कर्म से चर्चा में हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए जब उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना के भयावह हालात के लिए दूसरे राज्यों को कोसा था। हरिद्वार में चल रहे कुंभ के मत्थे संक्रमण का दोष डाला था। लेकिन, अब वे खुद महामारी के इस हालात में रोड शो कर भीड़ जुटाते पकड़े गए हैं।
राउत ने रोड शो भी अपने राज्य में नहीं किया है। इसके लिए वे पड़ोस के कर्नाटक चले गए। वहाँ के बेलगाम में अपनी पार्टी द्वारा समर्थित प्रत्याशी के समर्थन में बड़ा रोड शो किया। यहाँ शिवसेना ने ‘महाराष्ट्र एकीकरण समिति (MES)’ के उम्मीदवार को समर्थन दे रखा है। इससे दोनों राज्यों में विवाद भी बढ़ रहा है।
राउत ने प्रत्याशी शुभम शेलके के लिए प्रचार किया और इसमें भारी भीड़ जुटी। शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के एग्जीक्यूटिव एडिटर का कहना है कि जब वो रैली के लिए पहुँचे तो देखा कि उनका मंच क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, इसलिए उन्होंने रोड शो निकाला। उन्होंने बुधवार (अप्रैल 14, 2021) को ये रोड शो निकाला। बेलगाम लोकसभा क्षेत्र में 17 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं।
इस सीट पर भाजपा का कब्ज़ा था। लेकिन सांसद सुरेश अंगाड़ी की कोरोना के कारण हुई मौत के उपचुनाव हो रहे हैं। यहाँ मराठी भाषी लोगों की जनसंसख्या ज्यादा है। जनवरी में सीएम उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र-कर्नाटक के विवादित हिस्सों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने की बात कर के पहले ही आग में घी डाल चुके हैं। राउत ने कहा कि वे पार्टी सुप्रीमो उद्धव के इशारे पर यहाँ आए हैं और प्रशासन के इशारे पर उनके मंच को तहस-नहस कर डाला गया।
LIVETV – बेळगावमध्ये शिवसेना खासदार संजय राऊत यांचा रोड शो, महाराष्ट्र एकीकरण समितीचे उमेदवार शुभम शेळके यांच्या प्रचारासाठी राऊतांचा रोड शो https://t.co/ImprYhMJl7 @rautsanjay61 pic.twitter.com/x6nDn5MyIA
— TV9 Marathi (@TV9Marathi) April 14, 2021
सोशल मीडिया पर लोगों ने संजय राउत के दोहरे रवैये पर निशाना साधा है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में कुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हरिद्वार के कुंभ से लौटने वाले श्रद्धालु कोरोना वायरस के कैरियर हो सकते हैं, जिससे बड़ी तबाही होने की आशंका है। उन्होंने दावा किया था कि हमारे पर्व-त्योहारों पर पाबंदियाँ लगाना शिवसेना के लिए दर्द भरा है, लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए ऐसा किया गया।
लोगों ने संजय राउत से पूछा कि क्या उनकी रैली से कोरोना नहीं फैलेगा? एक तरफ वो कुंभ पर सवाल दाग रहे हैं, दूसरी तरफ खुद रैली कर रहे हैं। जबकि कुंभ में हिस्सा लेने के लिए कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट ज़रूरी है और वहाँ सारे दिशा-निर्देशों के पालन के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है, लेकिन राउत दूसरों को ज्ञान बाँच रहे हैं।
राउत ने यह भी कहा था, ”महाराष्ट्र में कोरोना इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि और राज्यों से लोग यहाँ आते हैं। हमारे यहाँ आज गुड़ी पड़वा है, मुख्यमंत्री ने नियंत्रण लगाया है। हमें क्या आनंद मिलता है कि हमारे त्योहार पर इस तरह से नियंत्रण लगाया जाए? लोग भी गुस्सा करते हैं। लेकिन हमने किया है। ये हिम्मत है सरकार की।”
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख को भी यही राग अलापते हुए देखा गया था। एक वीडियो में बातचीत के दौरान उन्होंने कुंभ मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों की तुलना तबलीगी जमात से की। कुंभ मेले से लौटने वाले श्रद्धालुओं को संभावित खतरे के रूप में बताते हुए उन्होंने कहा, ”आगामी त्योहारों के लिए सख्त एसओपी (केंद्र से मानक प्रचालन प्रक्रिया) होंगे। अन्यथा, आप देख सकते हैं कि हरिद्वार कुंभ के लिए सरकार द्वारा अनुमति देने के कारण COVID-19 मामलों में कैसे वृद्धि हुई है। ये वही लोग हैं जिन्होंने तब्लीगी जमात को बदनाम किया और उन पर कोरोना महामारी फैलाने का आरोप लगाया।”