Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति'पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिमों को निकालो, शिवसेना ने भगवा रंग नहीं छोड़ा है'

‘पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिमों को निकालो, शिवसेना ने भगवा रंग नहीं छोड़ा है’

"वीर सावरकर और हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व का मुद्दा लेकर चलना बच्चों का खेल नहीं। फिर भी देश में कोई हिंदुत्व की बात पर अपनी घड़ी फिट कर रहा है तो हमारे पास उनका स्वागत करने की दिलदारी है। विचार ‘उधार’ के भले हों लेकिन हिंदुत्व के ही हैं।"

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर शिवसेना का पेंडुलम रुख जगजाहिर है। इस बिल का लोकसभा में उसने समर्थन किया था। लेकिन महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी कॉन्ग्रेस ने जब इस पर आपत्ति जताई तो उसने राज्यसभा में बिल के पक्ष में मतदान से कन्नी काट ली। अब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की सक्रियता से इस मसले पर उसकी नींद उड़ गई है। पार्टी के मुखपत्र ​दोपहर का सामना के संपादकीय में कहा गया है, “देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुस्लिमों को निकालो। उन्हें निकालना ही चाहिए, इसमें कोई दो राय नहीं।”

‘कर सकते हो तो करो!, दो झंडों की कहानी’ शीर्षक से शनिवार (जनवरी 25, 2019) को प्रकाशित संपादकीय में राज ठाकरे की पार्टी पर तंज कसते हुए कहा गया है कि शिवसेना ने हिंदुत्व का भगवा रंग नहीं छोड़ा है। दरअसल, 23 जनवरी को ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ का मुंबई में महाधिवेशन हुआ था। इसमें राज ठाकरे ने 9 फरवरी को मुंबई में रह रहे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ रैली करने की बात कही थी।

पिछले दिनों राज ठाकरे की पार्टी ने अपनी पार्टी का झंडा बदल दिया था। उन्होंने हिंदुत्व के राह पर चलने के संकेत दिए हैं। इसे लेकर संपादकीय कहा गया है कि 14 साल पहले राज ठाकरे की पार्टी मराठी मुद्दे पर बनी और आज हिंदुत्व पर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।

इसमें लिखा गया है कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुस्लिमों को बाहर निकालने के लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़े, ये मजेदार है। दूसरी बात ये कि इसके लिए एक नहीं, दो झंडों की योजना बनाना ये दुविधा या फिसलती गाड़ी के लक्षण हैं। राज ठाकरे और उनकी 14 साल पुरानी पार्टी का गठन मराठा मुद्दे पर हुआ था। लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है। शिवसेना ने मराठी मुद्दे पर बहुत काम किया हुआ है। इसलिए मराठियों के बीच जाने के बावजूद उनके हाथ कुछ नहीं लगा और लगने के आसार भी नहीं हैं।

सामना में प्रकाशित संपादकीय

आगे लिखा है, “मनसे प्रमुख को अपने मुद्दे रखने और उसे आगे बढ़ाने का पूरा अधिकार है। लेकिन उनकी आज की नीति और इसी मुद्दे पर 15 दिन पहले की नीति में कोई मेल नहीं दिख रहा। उन्होंने कल कहा कि नागरिकता कानून को हमारा समर्थन है और कानून के समर्थन के लिए हम मोर्चा निकालने वाले हैं। लेकिन एक महीने पहले उनकी अलग और उल्टी नीति थी। शिवसेना ने प्रखर हिंदुत्व के मुद्दे पर देशभर में जागरूकता के साथ बड़ा कार्य किया है। मुख्य बात ये है कि शिवसेना ने हिंदुत्व का भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा। यह रंग ऐसा ही रहेगा।”

संंपादकीय में कहा गया है कि NRC और CAA पर देश भर में विरोध है। केंद्र का मकसद राजनीतिक लाभ उठाना है। इस कानून का नुकसान सिर्फ मुस्लिमों को ही नहीं, बल्कि 30 से 40 प्रतिशत हिंदुओं को भी होगा। इस सच को छुपाया जा रहा है। इसमें राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि भाजपा के शिवसेना द्वेष की बवासीर दूसरे रास्तों से बाहर निकल रही है और ये उनका पुराना खेल है।

संपादकीय में कहा है, “बालासाहेब के किसी पुराने भाषण की हू-ब-हू ‘कॉपी’ पढ़ी गई। फिर मंदिर में आरती, मुस्लिमों की नमाज और बांग्लादेशियों की हकालपट्टी के मुद्दे भी आए। वीर सावरकर और हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व का मुद्दा लेकर चलना बच्चों का खेल नहीं। फिर भी देश में कोई हिंदुत्व की बात पर अपनी घड़ी फिट कर रहा है तो हमारे पास उनका स्वागत करने की दिलदारी है। विचार ‘उधार’ के भले हों लेकिन हिंदुत्व के ही हैं।”

‘Free Kashmir’ मतलब फ्री इंटरनेट, फ्री मोबाइल सर्विस: ‘पेंडुलम हिंदुत्व’ वाले शिवसेना नेता संजय राउत की सफाई

सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जाएँगे अयोध्या: संजय राउत

‘हिन्दुओं’ को नहीं मिलने चाहिए वोटिंग राइट्स: नागरिकता विधेयक पर ‘सेक्युलर’ बनी शिवसेना

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -