Sunday, October 6, 2024
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AAP नेता सत्येंद्र जैन फिर से जाएँगे जेल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तुरंत करिए सरेंडर: मनी लॉन्ड्रिंग में ‘स्वास्थ्य’ के आधार पर साल भर से जमानत पर थे

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने यह निर्णय सुनाया। बेंच ने जैन की याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल प्रशासन के सामने पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, "सभी याचिकाएँ खारिज की जाती हैं, इसी के साथ सत्येन्द्र जैन को आत्मसमर्पण करना होगा।"

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री और AAP विधायक सत्येन्द्र जैन को स्वास्थ्य आधार पर नियमित जमानत देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने उनसे तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा है। जैन पिछले लगभग एक वर्ष से स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत पर थे।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने उनकी याचिका को खारिज करने का निर्णय सुनाया। बेंच ने जैन की याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल प्रशासन के सामने पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, “सभी याचिकाएँ खारिज की जाती हैं, इसी के साथ सत्येन्द्र जैन को आत्मसमर्पण करना होगा।”

सुप्रीम कोर्ट ने मई 2023 में सत्येन्द्र जैन को स्वास्थ्य कारणों के चलते अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद उनकी जमानत को कई बार बढ़ाया गया था। मई 2022 में सत्येन्द्र जैन को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह जेल में बंद रहे थे।

सत्येन्द्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2017 के बीच अपने मंत्रिपद का दुरूपयोग करके सम्पत्ति अर्जित की। उन पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों की सम्पत्ति 2015 से 2017 के बीच बनाई। उन पर यह भी आरोप है कि पैसे की धाँधली तीन कम्पनियों के जरिए की गई, जिसमें सत्येन्द्र जैन की पत्नी डायरेक्टर थीं।

साल 2017 में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने सत्येन्द्र जैन एवं अन्य पर 2010-2012 के दौरान ₹11.78 करोड़ और 2015-16 के दौरान ₹4.63 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। साल 2015-16 में ही वे दिल्ली सरकार में मंत्री बने थे। CBI ने अपने आरोप में कहा है कि प्रयास इंफोसल्यूशन, इंडो मेटालिम्पेक्स, अकिंचन डेवलपर्स और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से सत्येन्द्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

सत्येन्द्र जैन ने इस शेल कंपनियों के माध्यम से कोलकाता स्थित कुछ विभिन्न शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटरों को पैसे दिए थे। इसके बाद एंट्री ऑपरेटरों ने जैन से जुड़ी कंपनियों में शेयरों के माध्यम से ‘शेल कंपनियों के माध्यम से लेयरिंग’ करने के बाद निवेश के रूप में पैसे को कथित तौर पर फिर से भेज दिया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद बाद में ED ने मामला दर्ज किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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