सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस सांसद सुष्मिता देव द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव अभियान के दौरान की गई टिप्पणी के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। असम के सांसद ने भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश जारी करने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
Supreme Court refuses to pass any order on the petition filed by Congress MP, Sushmita Dev, seeking direction to the Election Commission to take appropriate action against PM Narendra Modi and Amit Shah for their alleged hate speeches. pic.twitter.com/xKB8BIXHlH
— ANI (@ANI) May 8, 2019
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ कहने के मामले में कॉन्ग्रेसी सांसद सुष्मिता देव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मोदी की इस टिप्पणी के खिलाफ अपील दायर की है। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस ने चुनाव आयोग को भी नहीं बख्शा। देव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस मामले में मोदी को जो क्लीन चिट दी है वह पक्षपाती है। देव ने अपनी शिकायत में कहा है कि चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
Congress MP, Sushmita Dev has filed an additional affidavit before the SC stating that “the respondent ECI failed to appreciate that the hate speeches delivered by Narendra Modi and Amit Shah are ‘corrupt practices’ under Section 123A of the Representation of People Act, 1951”
— ANI (@ANI) May 7, 2019
नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 123ए का उल्लंघन किया है। देव ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी ऐसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को करना शोभा नहीं देता। देव की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (मई 8, 2019) को सुनवाई के दौरान इसे पॉइंटलेस बताते हुए ख़ारिज कर दिया।
कॉन्ग्रेस ने याचिका में चुनाव आयोग द्वारा भाजपा नेताओं को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के खिलाफ क्लीन चिट देने पर आपत्ति जताई थी, और कहा था कि SC को EC को अपने फैसले को संशोधित करने का आदेश देना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देना चाहता है, तो एक अलग स्वतंत्र याचिका दायर करनी होगी।
इसके बाद, चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में से अधिकांश में कहा कि वे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में, सुष्मिता देव ने SC में मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर कर चुनाव आयोग के फैसलों को संशोधित करने की माँग की थी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि मूल याचिका मोदी और शाह के खिलाफ शिकायतों के निपटान के लिए थी, और चुनाव आयोग पहले ही निर्णय दे चुका है।