Friday, April 19, 2024
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वो शशि थरूर से कहते थे – ‘अपनी पत्नी को संभालो’ – कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाने पर सुनंदा पुष्कर का ट्वीट

सुनंदा पुष्कर ने सवाल उठाया था कि आखिर उन कश्मीरी अल्पसंख्यकों को क्यों नज़रअंदाज किया जा रहा है, जिन्हें 1989 में घाटी छोड़नी पड़ी थी। इस सवाल के बाद उन्हें 'संभालने' के लिए उनके पति शशि थरूर को कौन बोला था?

सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जो बताया जा रहा है कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से कॉन्ग्रेस के सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का है। हमने जब इसे खँगाला तो पता चला कि ये सुनंदा पुष्कर का ही ट्विटर हैंडल है, जिसकी पुष्टि कई मेनस्ट्रीम मीडिया रिपोर्ट्स ने अपनी पुरानी खबरों में की हैं। ट्विटर पर उनका जो कंवर्शेशन वायरल हो रहा है, उसमें वो दावा कर रही हैं कि उनके पति को उन्हें ‘संभालने’ के लिए कहा गया है।

ये ट्वीट्स दिसंबर 24, 2013 की हैं। उनकी मौत से लगभग एक महीने पहले की। जनवरी 17, 2014 को उनकी मृत्यु हो गई थी। उस समय केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी और उनके पति शशि थरूर मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री हुआ करते थे। उक्त ट्वीट में सुनंदा पुष्कर ने लिखा था कि भारत में अल्पसंख्यकों के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। उन्होंने लिखा था कि खासकर दंगा पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए बहुत कुछ हो रहा है।

लेकिन, साथ ही उन्होंने सवाल उठाया था कि आखिर उन कश्मीरी अल्पसंख्यकों को क्यों नज़रअंदाज किया जा रहा है, जिन्हें 1989 में घाटी छोड़नी पड़ी थी। उनका इशारा जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को लेकर था, जिसके बाद वो अपने ही देश में शरणार्थी बन कर रह गए थे। उन्होंने लिखा था कि हम सब अल्पसंख्यक हैं क्योंकि 5% की जनसंख्या को अल्पसंख्यक नहीं माना जाएगा, फिर इसकी परिभाषा क्या है?

इस ट्वीट का शशि थरूर ने भी जवाब दिया था और कहा था कि वो पिछले 20 सालों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते रहे हैं। सुनंदा की ट्वीट का जवाब देते हुए जेनरल सर्जन नारायण रुपानी ने ट्वीट किया कि कश्मीरी पंडित नेतृत्वविहीन हैं, उनका कोई नेता नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वो दिल्ली के मंच पर अपना कोई स्पष्ट नेता खड़ा कर सकें, जो उनकी आवाज़ उठाए और इस मामले को सरकार तक पहुँचाए।

इसके जवाब में सुनंदा पुष्कर ने लिखा, “मैं हमेशा कोशिश करती हूँ, लेकिन फिर मेरे पति को कहा जाता है कि अपनी पत्नी को ‘संभालो’। वो ये कह कर सुनिश्चित करते हैं कि मैं चुप रहूँ। इसीलिए, या तो मुझे एक कश्मीरी होना पड़ेगा, या फिर एक पत्नी।” हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा था कि उनके पति एक अच्छे व्यक्ति हैं और उन्हें पता है कि मैं कश्मीर को लेकर कितनी उत्साही हूँ। उन्होंने दावा किया था कि उनके पति ने उन्हें कश्मीर पर बात करने से कभी नहीं रोका।

जुलाई 2020 में शशि थरूर की तरफ से पेश होते हुए वकील विकास पाहवा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि सुनंदा पुष्कर की ट्वीट्स को स्टोर कर के रखा गया है और वो कॉन्ग्रेस नेता के पक्ष में सबूत हैं। उन्होंने इन ट्वीट्स को ‘प्राइमरी एविडेंस’ करार दिया था। उनका दावा था कि इन ट्वीट्स से सुनंदा पुष्कर की दिमागी स्थिति का पता चलता है, जो दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के विपरीत हैं। थरूर ने भी इन ट्वीट्स को ‘ऑन रिकॉर्ड’ पेश करने की इजाजत माँगी थी।

अगस्त 2019 में कॉन्ग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में लोक अभियोजक ने पुष्कर की मित्र और पत्रकार नलिनी सिंह का बयान पढ़ते हुए दावा किया था कि थरूर ने दुबई में तीन रातें पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ बिताईं थीं। अतुल श्रीवास्तव ने यह बयान दिल्ली की अदालत में पढ़ा था। पुष्कर के बेटे शिव मेनन ने दावा किया कि उनकी माँ बहुत ही (मानसिक रूप से) ताकतवर महिला थीं, और वे आत्महत्या नहीं कर सकतीं थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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