Tuesday, July 15, 2025
HomeराजनीतिTMC सांसद सौमित्र ख़ान ने भी थामा BJP का दामन – ममता की मुश्किलें...

TMC सांसद सौमित्र ख़ान ने भी थामा BJP का दामन – ममता की मुश्किलें बढ़ीं

जानकारी के अनुसार, भाजपा नेता और पूर्व TMC नेता मुकुल रॉय ने दावा किया है, कि कम से कम 5 और सांसद उनके संपर्क में थे और आम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होना चाहते थे।

तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद सौमित्र ख़ान ने आख़िरकार बड़ा क़दम उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम ही लिया। इस तरह तृणमूल कॉन्ग्रेस को अपने कई साथियों को गँवाना पड़ा।

TMC के वरिष्ठ नेता का भाजपा में शामिल होने का क़दम ममता बनर्जी को इस साल के अंत में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले झटका देगा। भाजपा की नज़र बंगाल पर है और ऐसे में नेताओं द्वारा तृणमूल का साथ छोड़ना ममता के लिए एक बड़ा घाटा साबित हो सकता है।

जानकारी के अनुसार, भाजपा नेता और पूर्व TMC नेता मुकुल रॉय ने दावा किया है, कि कम से कम 5 और सांसद उनके संपर्क में थे और आम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होना चाहते थे। ऐसा होने से ममता के लिए यह विषय निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।

TMC कैडरों के भगवा पार्टी में भारी सँख्या में शामिल होने से संबंधित ख़बरें पहले भी सामने आईं थी। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी भविष्यवाणी की थी कि पार्टी बंगाल में 22 लोकसभा सीटें जीतेगी।

यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इन परिस्थितियों में ममता बनर्जी निश्चित रूप से राजनीतिक दबाव महसूस कर रही हैं और कहीं न कहीं भाजपा के खेल को खेलने के लिए मजबूर भी होंगी।

2018 में, पार्टी द्वारा राम नवमी के जश्न के दौरान भाजपा पर साम्प्रदायिक विभाजन का आरोप लगाने के एक साल बाद, TMC ने भी घोषणा की कि वह त्योहार मनाएगी। RSS ने इसे नैतिक जीत के रूप में स्वीकार किया।

मुख्य तौर पर राज्य में भाजपा के उदय ने पंचायत चुनावों के दौरान राज्य में राजनीतिक बदलाव को बढ़ावा मिला। हालाँकि, इस सबके बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा निरंतर साम्यवादी राज्य में वृद्धि-दर-वृद्धि कर रही है।

निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है कि राजनीति के बदलते परिवेश में भाजपा का क़द न सिर्फ़ बढ़ रहा है, बल्कि अन्य पार्टी के नेताओं के इस साकारात्मक रुख़ से आगामी चुनाव में अपना बेहतर प्रदर्शन करने और जीत का परचम लहराने की दिशा की ओर अग्रसर है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -