पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) से अब राज्य सरकार की विफलता का जवाब देते नहीं बन रहा है। पार्टी कोलकाता रेप और मर्डर मामले के बाद और घिरी हुई है। अब TMC ने बंगाल सरकार पर उठ रहे सवालों से बचने के लिए नया पैंतरा चला है। TMC ने कुछ टीवी चैनल पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है।
TMC ने ABP आनंदा, रिपब्लिक और TV9 जैसे चैनलों पर अपने प्रवक्ता ना भेजने का ऐलान किया है। TMC ने कहा है कि यह सारे टीवी चैनल बांग्ला विरोधी है और दिल्ली के जमीनदारों का प्रोपेगेंडा चलाते हैं। इसको लेकर TMC ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस रिलीज जारी की है।
TMC ने कहा, “AITC ने ABP आनंद, रिपब्लिक और टीवी9 जैसे मीडिया चैनलों पर अपने प्रवक्ताओं को ना भेजने का फैसला किया है, क्योंकि वे लगातार बंगाल विरोधी एजेंडे चला रहे हैं ।हम दिल्ली के जमींदारों को खुश करने की उनकी मजबूरी को समझते हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर और कंपनियों पर जाँच के मामले चल रहे हैं।”
Statement in connection with the recent media developments pic.twitter.com/e5qvjd4oBm
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 1, 2024
आगे TMC ने लिखा, “हम यह भी साफ़ कर रहे हैं करते हैं और पश्चिम बंगाल के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे इन प्लेटफार्म पर बहसों में पार्टी समर्थक दिखाए जाने वाले लोगों से भी गुमराह ना हों। यह लोग पार्टी स्वर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और हमारे आधिकारिक रवैये का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।”
TMC ने यह फैसला क़ानून-व्यवस्था और अन्य मोर्चे पर बंगाल सरकार की विफलता पर प्रश्न उठाए जाने के बाद लिया है। अगस्त महीने में कोलकता के RG कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सामने आने के बाद TMC सरकार प्रश्नों के घेरे में आ गई थी।
RG कर मामले में TMC सरकार की लापरवाही और फिर मामले पर लीपापोती के प्रयासों ने उसकी छवि को बड़ा धक्का पहुँचाया है। TMC सरकार पर लगातार मीडिया प्रश्न उठा रहा है और उसके प्रवक्ताओं से जवाब नहीं देते बन रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि TMC ने मीडिया से बचने को यह फैसला लिया है।
TMC का यह कदम एक तरह से प्रेस की आजादी पर हमला भी है। TMC ने इन ऐसे चैनलों को बंगाल विरोधी घोषित कर दिया है, जिनका मूल प्रकाशन दशकों से बंगाल में हो रहा है। इसका उदारहण ABP आनंद चैनल है। ABP आनंद आनाद बाजार पत्रिका समूह का चैनल है, जो कोलकाता से पिछले 100 सालों से प्रकाशित हो रही है।
पश्चिम बंगाल में पत्रकारिता पर हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले संदेशखाली के गुंडे शाहजहाँ शेख मामले की कवरेज कर रहे एक रिपोर्टर को बंगाल पुलिस लाइव टीवी के दौरान उठा ले गई थी। और भी कई पत्रकारों की प्रताड़ना के मामले में बंगाल में सामने आए हैं।
भाजपा ने भी ममता बनर्जी की पार्टी के इस फैसले पर कटाक्ष किया है। बंगाल भाजपा ने लिखा, “टीएमसी हमेशा तानाशाही करती रही है और अभिव्यक्ति की आजादी का विरोध करती रही है। पश्चिम बंगाल में तीन लोकप्रिय समाचार चैनलों- टीवी9, रिपब्लिक और एबीपी आनंदा का बहिष्कार करने का उनका फैसला हमारी बात सिद्ध करता है।”
The TMC was always dictatorial and opposed to the idea of free speech. Their decision to boycott three popular news channels in West Bengal—TV9, Republic, and ABP Ananda bears us out.
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) September 1, 2024
But this decision is not a consequence of any principles, because Mamata Banerjee and her party… pic.twitter.com/lKvc8ZarY3
भाजपा ने कहा, “यह फैसला किसी सिद्धांत का नतीजा नहीं है, क्योंकि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के पास कोई सिद्धांत हैं ही नहीं, बल्कि बढ़ती निराशा और सच्चाई का सामना करने में असमर्थता है। TMC सच्चाई से डरती है। लेकिन सच्चाई को रोका तो जा सकता है, उसे हराया नहीं जा सकता।”