Wednesday, April 23, 2025
Homeराजनीति1857 से लेकर 1947 के बीच स्वतंत्रता संग्राम के लिए बलिदान देने वाले वीरों...

1857 से लेकर 1947 के बीच स्वतंत्रता संग्राम के लिए बलिदान देने वाले वीरों को सम्मानित करेगी योगी सरकार

चौरी-चौरा घटना में जान गँवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि के रूप में, सीएम आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपनी तस्वीर हटाकर डिस्प्ले पिक्चर भी इस ऐतिहासिक घटना की ही लगाई।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार (फरवरी 04, 2021) को घोषणा की कि राज्य सरकार उन स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिनकी मृत्यु 1857 और 1947 के बीच हुई थी, और जिन सैनिकों ने स्वतंत्रता के बाद हुए युद्ध में अपनी जान गँवाई।

बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गोरखपुर में चौरी-चौरा घटना के शताब्दी समारोह का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस अवसर पर पुलिस बैंड स्मारक पर देशभक्ति गीत बजाएगा, वहीं कवि गोष्ठी और दीपोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियों पर, शहीद स्मारक में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। विद्यालयों में वाद-विवाद, चित्रकला, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।”

कल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को भी सम्मानित किया और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को 100 ट्राइ-साइकिल दीं। ऐतिहासिक चौरी-चौरा घटना में जान गँवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि के रूप में, सीएम आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपनी तस्वीर हटाकर डिस्प्ले पिक्चर भी इस ऐतिहासिक घटना की ही लगाई। अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार था जब किसी सीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपनी तस्वीर हटा दी।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौरी-चौरा घटना के शताब्दी समारोह पर एक डाक टिकट जारी किया और कहा कि कई कारणों से इस घटना को बस आगजनी की मामूली घटना के रूप में संदर्भित किया गया था, लेकिन यह उससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना या एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था। उन्होंने कहा कि आग सिर्फ थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के मन में लगी थी। यह देश के सामान्य नागरिकों का स्वत: स्फूर्त संग्राम था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पति को मार डाला, ‘मोदी को बता देना’ कहकर पत्नी को ज़िंदा छोड़ा: घोड़े से आए थे पैंट खोल खतना चेक कर-कर के मारने...

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों के घायल होने की सूचना है। आतंकियों ने एक रिसॉर्ट को निशाना बनाया , जिसमें पर्यटक शांति से बैठे थे। अचानक 50 राउंड फायरिंग की। फिर भाग गए।

सऊदी में मोदी, जयपुर में वेंस, अमरनाथ यात्रा… अब लोगों को डराएँगे ‘कश्मीरियत’ और ‘जम्हूरियत’ जैसे शब्द, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक वही खतने वाली...

ट्रम्प भारत में थे तो दंगे हुए, वेंस भारत में हैं तो आतंकी हमला। दोनों के पीछे एक ही सोच काम करती है - खतना चेक करने वाली। मुर्शिदाबाद में भी यही सोच काम करती है। इन्हें अलग करके मत देखिए।
- विज्ञापन -