Friday, May 16, 2025
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जनसंख्या विस्फोट पर PM मोदी ने जताई चिंता, कहा- सीमित परिवार रखना भी है देशभक्ति

"भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद देश के लिए खतरा है। यह दीमक की तरह देश में घुस गया है। इसे निकालने का प्रयास किया जा रहा। लेकिन यह बीमारी अंदर तक है। गहरी है। अनेक प्रयास करते रहने होंगे। यह एक बार से खत्म होनेवाली चीज नहीं है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराने के बाद देशवासियों को स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त की।

लाल किले की प्राचीर से जनसंख्या विस्फोट को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से छोटे परिवार की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए नयी चुनौतियाँ पेश करता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इससे निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए।

‘भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद देश के लिए खतरा’

इस दौरान लाल किले से पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर भी हमला किया। उन्होंने कहा- “भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद देश के लिए खतरा है। यह दीमक की तरह देश में घुस गया है। इसे निकालने का प्रयास किया जा रहा। लेकिन यह बीमारी अंदर तक है। गहरी है। अनेक प्रयास करते रहने होंगे। यह एक बार से खत्म होनेवाली चीज नहीं है।” 

पीएम ने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है, ऐसे लोग जो छोटा परिवार रखते हैं, सम्मान के अधिकारी हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने माना कि जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रमों की जरूरत है। 

‘छोटे परिवार वाले लोग सम्मान के हकदार हैं’

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि समाज का एक छोटा वर्ग जो अपना परिवार छोटा रखता रहा है, वह सम्मान का हकदार है। जो वे कर रहे हैं वह एक प्रकार की देशभक्ति है। यह पहली बार है जब नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या का मुद्दा उठाया है। हालाँकि, भाजपा के कुछ नेता इस पर खुल कर बात करते आए हैं। मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि अगर जनता शिक्षित और स्वस्थ है तो देश भी शिक्षित और स्वस्थ बनेगा।

‘जन्म से पहले बच्चे की जरूरत के बारे में सोचें

पीएम ने आगे कहा, “बच्चे के जन्म से पहले उसकी जरूरत के बारे में जरूर सोचें। शिक्षित वर्ग ऐसा ही करता है। स्वयं की प्रेरणा से अगर आप परिवार सीमित रखते हैं तो ना सिर्फ आपका बल्कि देश का भी भला होता है और यह भी एक तरह की देशभक्ति है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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