Sunday, September 1, 2024
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योगी की वापसी पर यूपी छोड़ने की धमकी देने वाले मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा को नोटा से भी मिले कम वोट, CAA विरोधी प्रदर्शन से आईं थी चर्चा में

उरूसा राणा की स्थिति इतनी अधिक खराब है कि चार बजे तक के आँकड़ों के मुताबिक, उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले थे। पुरवा सीट पर 1328 वोट नोटा में पड़े थे, जबकि मुनव्वर राणा की बेटी को 1028 वोट ही मिले थे।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Election Result) के लिए मतगणना लगातार चल रही है, जिसमें भाजपा लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रही है। कॉन्ग्रेस का तो सूपड़ा ही साफ हो गया है। इसी क्रम में ‘योगी जीत गए तो उत्तर प्रदेश छोड़ दूँगा’ कहने वाले मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) की बेटी उरूसा राणा (Urusa Rana) को बहुत ही बुरा झटका जनता ने दिया है। उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले हैं। उरूसा उन्नाव की पुरवा सीट से कॉन्ग्रेस की उम्मीदवार थी।

इस चुनाव में उरूसा की स्थिति इतनी अधिक खराब है कि चार बजे तक के आँकड़ों के मुताबिक, उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले थे। पुरवा सीट पर 1328 वोट नोटा में पड़े थे, जबकि मुनव्वर राणा की बेटी को 1028 वोट ही मिले थे। यहाँ पर उरूसा पाँचवें नंबर पर हैं।

गौरतलब है कि उरूसा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों के बाद चर्चा में आई थी और बाद में अक्टूबर 2020 में कॉन्ग्रेस ज्वाइन किया था। उन्हें पार्टी ने उत्तर प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया था। उरूसा जुलाई 2021 में भी उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के खास माने जाने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। उरूसा ने आरोप लगाया कि जब वह लखनऊ में गाँधी प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन से पहले प्रियंका गाँधी का अभिवादन करने उनके नजदीक पहुँचीं तो लल्लू ने उन्हें बेइज्जत करके वहाँ से चले जाने को कहा।

इससे पहले इनके अब्बा विवादित शायर मुनव्वर ऱाणा ने पिछले साल सीएम योगी पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर दोबारा से योगी सीएम बने तो मैं यूपी छोड़कर कोलकाता चला जाऊँगा।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। बहुमत का आँकड़ा 202 है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीती थी। उसे 39.67% मत मिले थे। कॉन्ग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा को 21.82% वोट के साथ 47 तो कॉन्ग्रेस को 6.25% वोटों के साथ 7 सीटें मिली थी। 22.23% वोट हासिल करने के बावजूद बसपा 19 सीटों पर सिमट गई थी। अन्य के खाते में 5 सीटें गई थी। उससे पहले 2012 में सपा और 2007 के विधानसभा चुनावों में बसपा को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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