Saturday, April 27, 2024
Homeराजनीतिजरूरी नहीं कि सारे मुस्लिम 4 निकाह करे और सबसे बच्चे पैदा करें: उत्तराखंड...

जरूरी नहीं कि सारे मुस्लिम 4 निकाह करे और सबसे बच्चे पैदा करें: उत्तराखंड हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि पंचायती एक्ट के संशोधित प्रावधान अल्पसंख्यक विरोधी नहीं। प्रावधानों के मुताबिक दो से ज्यादा बच्चे वाले पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएँगे। एक्ट 25 जुलाई 2019 मान्य होगी। इसका मतलब है कि 25 जुलाई से पहले जिनके तीन बच्चे हैं, वे चुनाव लड़ सकते हैं।

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन ऐक्ट 2019 अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। इस संशोधन के मुताबिक जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे वे पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

इसके विरोध में दाखिल याचिकाओं को गुरुवार को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने यह बात कही। इनमें से कुछ याचिकाएँ एक्ट के अन्य प्रस्तावों के खिलाफ भी थी। यह एक्ट 25 जुलाई 2019 मान्य होगी। इसका मतलब है कि 25 जुलाई से पहले जिनके तीन बच्चे हैं, वे चुनाव लड़ सकते हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और आलोक वर्मा की संयुक्त खंडपीठ गुरुवार को मामले में दायर याचिकाओं पर फ़ैसला सुनाया। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दो-बच्चे के मानक नियम के ख़िलाफ़ अपील करते हुए कहा था कि देश में समान नागरिक संहिता नहीं है। ऐसे में पंचायती ऐक्ट का प्रावधान अल्पसंख्यक विरोधी है। यह अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि क़ानून मुस्लिम पुरुष को एक से अधिक बीवी रखने की अनुमति देता है, ऐसे में उसकी हर पत्नी से एक बच्चा होना तो लगभग तय है। इसलिए यह दो बच्चों का नियम उनके अधिकारों का उल्लंघन है।

अदालत ने इस तर्क को ख़ारिज करते हुए कहा कि धर्म या क़ानून के अनुसार किसी चीज की अनुमति होने का मतलब यह नहीं है कि वह अनिवार्य है। मुस्लिमों को चार शादी करने की अनुमति है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी मुस्लिमों को चार महिलाओं से निकाह और सबसे बच्चे पैदा करने ही होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि केवल मुस्लिमों के दो से अधिक बच्चे होने का आधार भी ग़लत है। अदालत ने कहा कि इस मामले में 21 याचिकाकर्ताओं में से सभी ने दो से अधिक बच्चे होने की बात स्वीकार की है। जबकि इनमें केवल एक मुस्लिम है, वह भी एक महिला।

उत्तराखंड पंचायत राज चुनावों के लिए दो बच्चों का मानक नियम लागू करने वाला पहला राज्य नहीं है। कई अन्य राज्यों ने भी यह नियम लागू किया है। ऐसे कई क़ानूनों को अदालत में चुनौती दी गई थी, लेकिन उन सभी विरोधों को उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया था।

ख़बर के अनुसार, उत्तराखंड के 12 ज़िलों में तीन चरणों में 6 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक पंचायत चुनाव होंगे। चुनाव के नतीज़ों की घोषणा 21 अक्टूबर को होगी। प्रदेश के निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के अनुसार, प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया 20 सितंबर को नामांकन पत्रों के भरने की शुरुआत से होगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe