Sunday, May 18, 2025
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‘दिल्ली के दो गुंडों को नहीं सौंप सकते बंगाल’: दिनाजपुर की रैली में बोलीं ममता बनर्जी- मैं खिलाड़ी नहीं, लेकिन खेलना जानती हूँ

आज पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में छठवें चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इसके बाद बंगाल में दो चरणों का मतदान शेष रह जाएगा। 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान के बाद चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएँगे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज (22 अप्रैल, 2021) को दक्षिण दिनाजपुर में एक चुनावी रैली की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘दिल्ली के दो गुंडे’ के रूप में संबोधित किया।  

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं खिलाड़ी नहीं हूँ, लेकिन खेलना जानती हूँ। लोकसभा में मैं सबसे बेहतरीन खिलाड़ी थी। हम दिल्ली के दो गुंडों के हाथों में बंगाल को नहीं सौंप सकते।” कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यह रैली करने के लिए ममता की आलोचना भी हो रही है।

आलोचकों ने महुआ मोइत्रा के उस ट्वीट को ममता बनर्जी की इस चुनावी रैली से जोड़कर दिखाया जिसमें उन्होंने चुनावी रैलियों के लिए भाजपा नेतृत्व की आलोचना की थी। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया था, “भारतीय मोदी के द्वारा निर्मित इस आपदा को असहाय होकर देख रहे हैं।“

तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने 18 अप्रैल को यह दावा किया था कि ममता बनर्जी अब कोलकाता में चुनाव प्रचार नहीं करेंगी और चुनावी रैलियों का टाइम भी घटा दिया है। हालाँकि उन्होंने यह साफ-साफ नहीं बताया कि ममता बनर्जी बड़ी रैलियाँ करेंगी अथवा नहीं।

आज पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में छठवें चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इसके बाद बंगाल में दो चरणों का मतदान शेष रह जाएगा। 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान के बाद चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएँगे।

छठे चरण के मतदान के बीच कई जगहों से हिंसा की भी खबरें आईं हैं। उत्तर दिनाजपुर के चोपरा क्षेत्र में फायरिंग हुई। नैहाटी के हालीशहर में एक स्थानीय भाजपा नेता के घर पर बमबारी हुई। भाजपा नेता की माँ और छोटे भाई इस हमले में जख्मी हो गए।

इस चरण में जिन 43 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं, वे उत्तर और दक्षिण बंगाल में फैले हुए हैं। उत्तर दिनाजपुर और नदिया की 9ए नॉर्थ 24 परगना की 17 और पूर्वी बर्धमान की 8 सीटों पर मतदान चालू है। इस चरण में अर्धसैनिक बलों की 779 कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें से अधिकतर सेटों पर मतुआ समुदाय का प्रभाव है और कई की सीमाएँ बांग्लादेश और बिहार से लगती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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