Wednesday, April 24, 2024
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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने ‘अनधिकृत’ मंदिरों एवं पवित्र स्थलों को ध्वस्त करने का दिया आदेश, 8 जिलों के DM को लिखा पत्र

राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2010 में जारी आदेश में कहा गया था, "सरकार सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी नए अनधिकृत निर्माण की अनुमति नहीं देगी। राज्य, सरकारी विभाग और पंचायत एवं नगरपालिका जैसे स्थानीय निकायों को इस तरह के निर्माणों का पता लगाने और इसे लोक स्वीकृति मिलने से पहले जल्द-से-जल्द रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाना होगा।"

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल (West Bengal) की टीएमसी सरकार ने राज्य के आठ जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थानों पर बने अवैध मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को हटाने का निर्देश दिया है। सरकार ने अधिकारियों से कार्रवाई के बाद रिपोर्ट माँगी है।

27 जनवरी 2022 (गुरुवार) के जारी किए गए आदेश में राज्य सरकार ने दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, कलिम्पोंग, पूर्वी मिदनापुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण दिनाजपुर और पूर्वी बर्दवान के कलेक्टरों को इ ‘अनधिकृत’ संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। आदेश में जिला प्रशासन को ऐसी संरचनाओं को हटाते समय सावधानी बरतने का भी निर्देश दिया गया है।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी निर्देश पत्र

राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2010 में जारी किए गए सरकारी आदेश में कहा गया था, “सरकार सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी नए अनधिकृत निर्माण की अनुमति नहीं देगी। राज्य, सरकारी विभाग और पंचायत एवं नगरपालिका जैसे स्थानीय निकायों को इस तरह के निर्माणों का पता लगाने और इसे लोक स्वीकृति मिलने से पहले जल्द-से-जल्द रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाना होगा। यदि आवश्यक हुआ तो विध्वंस की जिम्मेदारी भूमि के स्वामित्व वाले विभाग की होगी।”

सरकार ने कहा था कि इन ढांचों को तब जरूर तोड़ा जाना चाहिए, जब तक कि ऐसा न करने के लिए कोई ठोस कारण न हों। आदेश में सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों को ‘अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं’ की पहचान करने के लिए सार्वजनिक स्थानों का सर्वेक्षण करने और एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था, जिसे 31 जुलाई 2010 तक जमा करना था।

उस आदेश में स्थान, संरचना की आयु, संरचना किस हद तक पैदल चलने वालों या वाहनों के आवागमन में बाधा डाल रही है, संरचना को हटाने के लिए स्थानीय लोगों से प्राप्त शिकायतें, पास के भूखंड पर स्थानांतरण की संभावना, कानून-व्यवस्था की स्थति और सांप्रदायिक सद्भाव जैसे बातों को भी सर्वेक्षण में शामिल करने के लिए कहा गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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