जैसे-जैसे राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की घड़ी नजदीक आती जा रही है, हर पक्ष की ओर से बयानों का सिलसिला भी तेज़ होता जा रहा है। अगर मुस्लिम समुदाय के बयानों पर गौर करें तो उनके बीच असहमति बनती दिख रही है। एएमयू के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय चाहे जो भी आए, इस मामले में मुस्लिमों की हार होनी तय है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने विवादित ज़मीन हिन्दुओं को दिए जाने की वकालत की। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने शाह के बयान का विरोध किया। अब इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बयान आया है। अब नया बयान मोहसिन रजा का आया है।
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ के लोग बड़े होटलों में रुकते हैं और फ्लाइट से यात्रा करते हैं। उन्होंने पूछा कि इन सबके लिए रुपया आख़िर आ कहाँ से रहा है? उन्होंने कहा कि मुल्सिम लॉ बोर्ड बस एक एनजीओ की तरह है जो देश के बदले अपने फायदे के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुधर जाए क्योंकि सरकार उनकी गतिविधियों पर जाँच भी बिठाएगी।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों व अन्य संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों को ठुकरा दिया है। आज ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की बैठक भी हुई। संगठन ने साफ़ कर दिया है कि विवादित ज़मीन को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। मुस्लिम पक्षकार जफरयाब जिलानी ने कहा कि बोर्ड इस तरह की किसी भी माँग से काफ़ी हैरान है। बोर्ड ने क़ानूनी प्रक्रिया से इस मामले का हल निकालने की अपनी बात दोहराई और कहा कि वे सभी सुप्रीम कोर्ट के बहुप्रतीक्षित फ़ैसले का इंतजार कर रहे हैं।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (NGO) की धार्मिक संस्था “नदवा” लखनऊ में असंवैधानिक Meeting कहीं देश के ख़िलाफ़ कोई साज़िश तो नहीं है ?@ANI @aajtak @News18India @IndiaToday @ABPNews @ZeeNewsHindi @indiatvnews pic.twitter.com/tk5HFlAuA5
— Mohsin Raza (@Mohsinrazabjpup) October 12, 2019
जमीरुद्दीन शाह ने कहा कि अगर हिन्दू पक्ष केस जीत जाता है, फिर भी भारतीय समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो इसका ग़लत फ़ायदा उठाना चाहेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ की फंडिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि टेरर फंडिंग विदेश से होती है। साथ ही उन्होंने पूछा कि बोर्ड को फंडिंग कहाँ से मिल रही है?