Sunday, November 10, 2024
Homeराजनीतिसरकारी हो या प्राइवेट... कोई कंपनी महिला कर्मचारी से नहीं करवा सकती नाइट शिफ्ट,...

सरकारी हो या प्राइवेट… कोई कंपनी महिला कर्मचारी से नहीं करवा सकती नाइट शिफ्ट, नियम उल्लंघन पर मिलेगी सजा: योगी सरकार का फैसला

योगी सरकार के आदेश में कहा गया है कि अगर बिन अनुमति के महिला की नौकरी शाम 7 बजे से अगली सुबह 6 बजे के बीच में लगाई गई तो कार्रवाई निश्चित है। इसके अलावा महिला ने अगर 7 बजे के बाद काम करने से मना किया तो कंपनी को उसे निकालने का कोई अधिकार नहीं है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि कोई भी कंपनी महिलाओं से देर रात में ऑफिस में काम नहीं करवा सकती। सरकार ने ये नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर पर लागू करके आदेश दिए हैं कि अगर किसी कारणवश महिला की ड्यूटी रात में लगती है तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी।

सरकार के आदेश में कहा गया है कि अगर बिन अनुमति के महिला की नौकरी शाम 7 बजे से अगली सुबह 6 बजे के बीच में लगाई गई तो कार्रवाई निश्चित है। इसके अलावा महिला ने अगर 7 बजे के बाद काम करने से मना किया तो कंपनी को उसे निकालने का कोई अधिकार नहीं है।

योगी सरकार के इस नए फैसले की बाबत अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने बताया, “लिखित सहमति के बाद महिला शाम 7 से सुबह 6 बजे तक काम करती सकती है। लेकिन कंपनी को उसे ऑफिस से घर और घर से ऑफिस तक के लिए मुफ्त कैब की सुविधा देनी होगी। कंपनी ने यदि ऐसा नहीं किया तो ये श्रम कानून के उल्लंघन के तौर पर देखा जाएगा और सजा के तौर पर जुर्माने से लेकर जेल तक हो सकती है।”

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की ओर से इसस आदेश को प्रदेश के हर जिले में सख्ती से लागू कराने के आदेश दिए गए हैं। अधिकतर महिलाएँ कॉल सेंटर, होटल इंडस्ट्री और रेस्टोरेंट आदि में शाम को या देर रात तक काम करती हैं। अगर अब कोई महिला कर्मी शाम 7 बजे के बाद काम करने से मना करे तो उसे जबरन रोका नहीं जा सकता वरना कार्रवाई के तौर पर संस्थान का लाइसेंस कैंसिल हो सकता है।

इसके अलावा नए आदेश में जो महिला कर्मचारियों को सुविधा देने की माँग है वो ये कि संस्थान को उन्हें खाना उपलब्ध कराना होगा। उवके लिए शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य है। महिला रात में तभी काम करेगी जब उस समय कम से कम अन्य चार महिलाएँ भी स्टाफ की ड्यूटी पर हों। सरकार ने फैसला लिया है कि वर्किंग प्लेस पर महिला का उत्पीड़न रोकने के लिए कमेटी का गठन अनिवार्य होगा।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं से जुड़ी एनजीओ में काम करने वाले संदीप खरे ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और इसे प्राइवेट सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं के लिए अच्छा बताया। उन्होंने कहा है कि यूपी में लगभग 5 लाख महिलाएँ हैं जो 7 बजे के बाद भी काम करती हैं। इनमें अधिकांश का काम 11 बजे तक खत्म हो जाता है मगर नाइट क्लब, बार, होटल और कॉल सेंटर पर महिलाएँ रात पर काम करती हैं। ऐसे में अगर उन्हें मुफ्त में घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी संस्था को मिली है तो इससे उनकी सुरक्षा को खतरा नहीं होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र चुनाव से पहले ‘बेरोजगार’ मुस्लिम युवकों के खाते में ₹125 करोड़ ट्रांसफर, उलेमा बोर्ड ने MVA को दिया समर्थन: शर्त- RSS को बैन...

एक तरफ उलेमा बोर्ड ने अपना समर्थन देने के लिए ये सारी शर्तें रखी हैं तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि एनसीपी नेता शरद पवार ने इन सभी स्थितियों पर संज्ञान लिया है।

भारत में ही है वह मधुपुर जहाँ हिंदुओं को कुओं से नहीं भरने देते पानी, डेमोग्राफी चेंज से त्रस्त झारखंड के निवासी बोले- ये...

झारखंड में डेमोग्राफी बदलवा का खतरनाक असर दिख रहा है। जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, वहाँ हिंदुओं को कुँआ से पानी तक लेने नहीं दिया जाता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -