उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के लिए बड़ा निर्णय किया है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दी गई है। इसके तहत अब लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भी अपराधियों के विरुद्ध गुंडा ऐक्ट निरुद्ध करने की कार्रवाई कर सकेंगे। पहले यह अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास था।
क्या हैं गुंडा ऐक्ट के प्रावधान?
विधेयक में मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, गोहत्या, बंधुआ मजदूरी और पशु तस्करी पर सख्ती से लगाम लगाने का प्रावधान है। इसके अलावा जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियारों का निर्माण व व्यापार और अवैध खनन जैसे अपराध पर भी गुंडा ऐक्ट लगाने का प्रावधान है।
गुंडा ऐक्ट के तहत ऐसे अपराधियों की आसानी से जमानत नहीं हो सकेगी। अपराधियों की संपत्तियाँ भी जब्त होंगी। पुलिस आरोपियों को 14 दिन के बजाय अधिकतम 60 दिन के लिए रिमांड पर ले सकती है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार विधानसभा, विधानमंडल का बजट सत्र पूरी तरह से डिजिटल होने जा रहा है। इसके लिए बीते दिनों सभी सदस्यों की स्पेशल ट्रेनिंग भी करवाई गई। यूपी सरकार ने 18 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के लिए राज्यपाल आनंदी पटेल के अभिभाषण को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि यूपी में बीते एक साल में पुलिस और बदमाशों के बीच संघर्ष की कई घटनाएँ सामने आई हैं। फिर चाहे वो कानपुर का बिकरू कांड का मसला हो या फिर हाल ही में कासगंज मामला हो, जिसमें अपराधियों द्वारा पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी और कई जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। ऐसे में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गुंडा ऐक्ट से जुड़ा फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
इसके अलावा मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे के लिए योगी सरकार ने 2900 करोड़ के ऋण को मंजूर किया है। सरकार का दावा है कि मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित यह एक्सप्रेस-वे देश में सबसे बड़ा होगा। इसके लिए हाल ही में जमीन अधिग्रहण व खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई है। इस बड़ी परियोजना के वित्त पोषण के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) कई विकल्पों पर विचार कर रहा है।
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हुडको) से 2900 करोड़ रुपए का ऋण लिया जाएगा। औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।