Saturday, November 16, 2024
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‘इसे अडानी नहीं खरीद सके, क्योंकि ये पहले से ही इटली वालों को बिका हुआ है’: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में राहुल गाँधी के साथ रवीश, लोगों ने पूछा- ये न्यूट्रल हैं?

'कह के पहनो' ट्विटर हैंडल ने लिखा, "श्री राहुल गाँधी जी के साथ पैदल यात्रा कर के रवीश कुमार जी ने ये दिखा दिया है कि उनके जैसे कट्टर कॉन्ग्रेसी को अडाणी/अम्बानी तो क्या, एलन मस्क/बिल गेट्स भी नहीं खरीद सकते! कॉन्ग्रेस के प्रति उनके निष्पक्ष सेवा भाव पर किसी को संदेह करने का कोई अधिकार नहीं है। वो एक पत्रकार भी हैं।"

NDTV छोड़कर ट्यूबर (Youtuber) बने कथित पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) भले ही वे कितना भी निष्पक्ष दिखाने की कोशिश करें, दूसरे मीडिया हाउस को गोदी मीडिया कहीं, लेकिन समय-समय पर उनकी निष्पक्षता सामने आ ही जाती है। भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गाँधी के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

रवीश कुमार ने कहा था कि वे भारत जोड़ो यात्रा में वो जरूर शामिल होंगे, लेकिन यात्रा को कवर करने के लिए। हालाँकि, यात्रा को उन्होंने कवर भी किया, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर राहुल गाँधी को समर्थन देकर अपनी निष्पक्षता जाहिर भी कर दी।

रवीश अक्सर मीडिया को गोदी मीडिया, तो बिकाऊ मीडिया तो कभी कॉरपोरेट मीडिया कहकर खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान वे भाजपा पर जरूर निशाना साधते हैं। लेकिन, मौका मिलते ही कभी वे मायावती के साथ फोटो खिंचवाते हैं, तो कभी अखिलेश यादव के साथ तो राहुल गाँधी के साथ यात्रा करते हैं।

बता दें कि कॉन्ग्रेस के साथ रवीश कुमार का जुड़ाव बहुत व्यक्तिगत, लेकिन कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है। एक तरफ वे पत्रकार होकर निष्पक्षता का दावा करते हैं तो दूसरी तरफ अपने बड़े भाई और कॉन्ग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय के साथ रिश्तों पर चुप्पी साधे रखते हैं।

हालाँकि, जो भी भारत जोड़ो यात्रा में रवीश कुमार ने राहुल गाँधी के संघर्षों के साथ-साथ अपनी नौकरी जाने की पीड़ा का भी परोक्ष रूप से बयान किया। उन्होंने ये तो कहा कि आज की मीडिया प्रधानमंत्री मोदी से सवाल नहीं करती है, साथ ही ये भी कहा कि आजकल के पत्रकार कॉरपोरेट द्वारा मीडिया के अधिग्रहण पर सवाल नहीं उठाए जाते हैं।

उन्होंने गौतम अडानी के प्रति अपने पूर्वग्रह को भी दिखाया। साथ ही गौतम अडानी के बहाने मीडिया को निशाने पर लिया। इस दौरान उन्होंने राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस की जमकर तारीफ की। जाहिर है कि वे परोक्ष रूप से अपने भाई ब्रजश पांडेय की मदद ही कर रहे हैं। आप भी सुनिए क्या कह रहे हैं रवीश कुमार।

रवीश कुमार के इस दोमुँहानेपन की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है। वहीं, कुछ यूजर रवीश कुमार और कॉन्ग्रेस के रिश्तों को लेकर कटाक्ष भी कर रहे हैं। ‘कह के पहनो’ नाम के ट्विटर हैंडल ने रवीश कुमार को लेकर खूब खिंचाई की।

ट्विटर हैंडल ने लिखा, “श्री राहुल गाँधी जी के साथ पैदल यात्रा कर के रवीश कुमार जी ने ये दिखा दिया है कि उनके जैसे कट्टर कॉन्ग्रेसी को अडानी/अम्बानी तो क्या, एलन मस्क/बिल गेट्स भी नहीं खरीद सकते! कॉन्ग्रेस के प्रति उनके निष्पक्ष सेवा भाव पर किसी को संदेह करने का कोई अधिकार नहीं है। वो एक पत्रकार भी हैं।”

राहुल कुमार सीनियर नाम का हैंडल लिखता है, “मुझे नहीं पता कि लोग हैरान क्यों हैं। रवीश कुमार के भाई ब्रजेश कुमार पांडेय कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। उन पर एक नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म का भी आरोप है।”

डॉक्टर ब्लैकपिल नाम के यूजर ने लिखा, “रवीश अगर निजी हैसियत से किसी राजनीतिक रैली में शामिल होते हैं तो उन्हें तटस्थ या गैर-गोदी या रीढ़ की हड्डी वाला रिपोर्टर कैसे कहा जा सकता है? भारत जोड़ो यात्रा ने जितना सोचा था उससे कहीं ज्यादा एक्सपोज किया है।”

मिस्टर सिन्हा नाम के यूजर ने लिखा, “अडानी रवीश कुमार को इसलिए नहीं खरीद सके, क्योंकि वह पहले ही इतालवी परिवार को बेच दिए गए थे…।”

समित ठक्कर लिखते हैं, “रघुराम राजन, एएस दुलत और अब रवीश कुमार। यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं, ऐंटी नेशनल जोड़ो यात्रा है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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