Saturday, July 27, 2024
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भारतीय कूटनीति का असर: 8 यूरोपीय देशों ने कोविशील्ड को ‘ग्रीन पासपोर्ट’ में शामिल किया, अब क्वारंटाइन अनिवार्य नहीं

वैक्सीन राष्ट्रवाद पहला ऐसा कूटनीतिक कदम है, जिसके तहत भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि वह केवल पारस्परिक आधार पर ही यूरोपीय यूनियन के डिजिटल कोविड प्रमाण-पत्रों को मान्यता देगी।

भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को यूरोप की यात्रा के दौरान कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यूरोपीय यूनियन के सात देशों और स्विटजरलैंड ने अपने ‘ग्रीन पास’ में भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को भी शामिल कर लिया है। इससे लोग इन देशों की यात्रा बिना किसी रोक-टोक के कर सकेंगे।

दरअसल, इस मामले में भारत ने यूरोपीय यूनियन से कहा था कि वह केवल पारस्परिकता के आधार पर भारत की यात्रा करने वाले यूरोपीय यूनियन के यात्रियों को अनिवार्य क्वारंटाइन से छूट देगा। इसके लिए यूरोपीय यूनियन के देशों को वहाँ जुलाई से लागू होने वाले ग्रीन पास में भारत में बनी कोविशील्ड और कोवैक्सिन को भी शामिल करने की आवश्यकता है।

इससे पहले भारत ने यूरोपीय यूनियन को अपने वैक्सीन पासपोर्ट में भारत में बनी वैक्सीन को स्वीकार करने में आनाकानी करने पर आगाह किया था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह यूरोपीय संघ के डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र को तब तक मान्यता नहीं देगी, जब तक कि यूरोपीय यूनियन भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को मान्यता नहीं देते।

वैक्सीन राष्ट्रवाद पहला ऐसा कूटनीतिक कदम है, जिसके तहत भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह केवल पारस्परिक आधार पर ही यूरोपीय यूनियन के डिजिटल कोविड प्रमाण पत्रों को मान्यता देगी।

पारस्परिक स्वीकृति का मतलब यह है कि यूरोपीय यूनियन के वैक्सीन प्रमाण पत्र देश में तब तक स्वीकार नहीं किए जाएँगे, जब तक कि ‘ग्रीन पास’ कहे जाने वाले डिजिटल प्रमाण पत्र में वह भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को शामिल नहीं कर लेता। ऐसी स्थिति में भारत की यात्रा करने वाले यूरोपीय यूनियन के लोगों को अनिवार्य क्वारंटाइन का सामना करना पड़ता।

विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, “हमने यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों से व्यक्तिगत रूप से उन सभी लोगों को छूट देने पर विचार करने का अनुरोध किया था, जिन्होंने भारत में कोविड-19 का टीका कोविशील्ड और कोवैक्सीन का डोज और कोविन पोर्टल द्वारा जारी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लिया है।”

यूरोपीय यूनियन का डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट या ‘ग्रीन पास’ एक जुलाई से लागू होने की उम्मीद है। इसके तहत यात्रा के दौरान केवल उन्हीं लोगों को अनिवार्य क्वारंटाइन से छूट मिलेगी, जिन्होंने यूरोपीय यूनियन द्वारा स्वीकृत टीके लगवाए हैं।

इस मामले में यूरोपीय यूनियन ने दावा किया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी के पास स्वीकृति के लिए पहले आवेदन ही नहीं किया था। यूरोपीय यूनियन ने वादा किया था कि अगर संस्था आवेदन करती है तो इस पर यथाशीघ्र विचार किया जाएगा। हालाँकि, इस मामले में भारत ने तर्क दिया है कि यूरोपीय मेडिकल एजेंसी को एप्लीकेशन के बजाय CoWin प्रमाणपत्र को स्वीकार करके देश में बने टीकों पर विचार करना चाहिए।

मंगलवार (29 जून 2021) को सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने यूरोपीय पार्टनर एस्ट्राजेनेका के जरिए कोविशील्ड के लिए यूरोपीय संघ के प्राधिकरण में आवेदन किया। हालाँकि, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने कहा कि उससे कोविशील्ड को मंजूरी देने के लिए अनुरोध ही नहीं किया गया।

विदेश मंत्री ने उठाया था ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का मुद्दा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (29 जून 2021) को यूरोपीय यूनियन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी बैठक में टीकाकरण पासपोर्ट पहल में कोविशील्ड को शामिल करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने ट्वीट किया, “टीके के उत्पादन और उसके एक्सेस के लिए चर्चा की। यूरोप की यात्रा के लिए ‘कोविशील्ड’ के लिए अनुमति ली। इसे फॉलो किया जाएगा।”

यूरोपीय संघ के ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ कार्यक्रम के तहत केवल चार वैक्सीनों वैक्सजेवरिया (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका), कोमिरनाटी (फाइजर-बायोएनटेक), स्पाइकवैक्स (मॉडर्ना) और जानसेन – जॉनसन एंड जॉनसन को मंजूरी मिली है। हैरानी की बात यह है कि एस्ट्राजेनेका – वैक्सजेवरिया की तरह होने के बाद भी कोविशील्ड इसमें शामिल नहीं किया गया था। वहीं, कोवैक्सिन पर अभी इसलिए विचार नहीं किया गया, क्योंकि इसे WHO की मंजूरी मिलना बाकी है।

इस बीच, यूरोपीय संघ ने मंगलवार (29 जून 2021) को यह भी कहा कि यूरोप की यात्रा करने के लिए ‘ग्रीन पास’ अनिवार्य शर्त नहीं है, क्योंकि यूनियन के देश डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों जैसे कोविशील्ड को स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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