मुस्लिमों के पैगंबर और इस्लाम मजहब के प्रवर्तक मुहम्मद (Prophet Muhammad) की मध्ययुगीन पेंटिंग दिखाने के कारण अमेरिका में कला इतिहास के एक प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है। प्रोफेसर ने पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को पैगंबर का मध्यकालीन एक चित्र दिखाया था। इसकी शिकायत मुस्लिम छात्रों ने की थी।
अमेरिका के मिनेसोटा के सेंट पॉल में स्थित हैमलाइन यूनिवर्सिटी (Hamline University, US) ने इस अनाम प्रोफेसर को हटाने के पीछे तर्क भी दिया है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर को देखना मुस्लिमों के लिए मनाही है।
एंड्रयू डॉइल नाम के एक लेखक ने यूनिवर्सिटी के बयान को ट्विटर पर साझा किया है। साझा किए गए बयान के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह अकादमिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है, लेकिन प्रोफेसर द्वारा पैगंबर का तस्वीर प्रोजेक्टर पर दिखाना और कुछ देर तक मुस्लिम छात्रों को उसे देखने के लिए बाध्य करना, इस स्वतंत्रता की सीमा को पार करने वाला है।
A professor in art history has been sacked by @HamlineU for showing a medieval painting of Muhammad.
— Andrew Doyle (@andrewdoyle_com) January 4, 2023
Here is the university’s chilling explanation as to why it has chosen to prioritise students’ feelings over academic freedom. https://t.co/NkD0svXlVm pic.twitter.com/nLocVF7Kuz
अक्टूबर 2022 में हैमलाइन यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर (इनके नाम का जिक्र नहीं किया गया है और ना ही ये बताया गया है कि ये महिला हैं या पुरुष) वैश्विक कला इतिहास की कक्षा ले रहे थे। इस दौरान इस्लामी कला पर चर्चा की जा रही थी। चर्चा में उन्होंने मुस्लिम धर्म के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद की एक मध्यकालीन तस्वीर प्रोजेक्टर पर 10 मिनट से कम तक दिखाई।
इस तस्वीर में पैगंबर मुहम्मद को फरिश्ता गेब्रियल (जिसे इस्लाम में जिब्राईल कहा जाता है) से निर्देश प्राप्त करते हुए दिखाया गया है। यह मूल पेंटिंग स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में रखी हुई है। कहा जाता है कि यह तस्वीर 14वीं से 16वीं ईस्वी (1300-1500ईस्वी) के आसपास बनाई गई है।
प्रोजेक्टर पर जब पैगंबर की तस्वीर देखकर कई मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि पैगंबर की तस्वीर दिखाना इस्लाम में हराम है। इसके बाद मुस्लिम विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी के मुस्लिम छात्र संघ में इसकी शिकायत की। मुस्लिम छात्र संघ के अध्यक्ष अराम वेदाताल्ला ने घटना के एक दिन बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी शिकायत की।
इसके बाद हैमलाइन यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष डेविड एवरेट ने 7 नवंबर 2022 को छात्रों को ईमेल किया और इस घटना को ‘असंगत, अपमानजनक और इस्लामोफोबिक’ बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रोफेसर पर ये आरोप है, उसे यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया है। यूनिवर्सिटी की पत्रिका ‘द ऑरेकल’ ने इसके बारे में जानकारी दी है।