Thursday, November 30, 2023
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$30 लाख के वेंटिलेटर्स भारत को डोनेट करेगा अमेरिका: डोनाल्ड ट्रम्प ने की थी घोषणा, PM मोदी ने दिया धन्यवाद

पत्रकार सीमा सिरोही और सुहासिनी हैदर जैसों ने सोशल मीडिया पर सवाल दाग कर भ्रम फैलाया था कि ये वेंटिलेटर्स मुफ्त में दिए जाएँगे या फिर भारत को इसे ख़रीदने के लिए भुगतान करना पड़ेगा। दरअसल, अमेरिका ये साफ़ कर चुका है कि ये वेंटिलेटर्स भारत आ रहे हैं। इसके बाद दोनों ने भी स्वीकार किया कि भारत को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

अमेरिका ने भारत को 200 मोबाइल वेंटिलेटर्स देने का फ़ैसला लिया है। इन सबको एयरलिफ्ट कर के भारत लाया जाएगा। हर एक वेंटिलेटर्स की क़ीमत क़रीब 10 लाख रुपए है। कहा जा रहा है कि वेंटिलेटर्स की ये खेप मई के अंत तक या जून के शुरूआती हफ्ते में भारत पहुँच सकता है। अगर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को हटा दें तो प्रत्येक वेंटीलेटर की क़ीमत $13,000 है, यानी 9.6 लाख रुपए के क़रीब। ट्रांसपोर्टेशन को हटा कर इनकी कुल क़ीमत $26 लाख है, यानी 19.2 करोड़ रुपए। ये डोनेशन के रूप में आएगा

पत्रकार सीमा सिरोही और सुहासिनी हैदर जैसों ने सोशल मीडिया पर सवाल दाग कर भ्रम फैलाया था कि ये वेंटिलेटर्स मुफ्त में दिए जाएँगे या फिर भारत को इसे ख़रीदने के लिए भुगतान करना पड़ेगा। दरअसल, अमेरिका ये साफ़ कर चुका है कि ये वेंटिलेटर्स भारत आ रहे हैं। इसके बाद दोनों ने भी स्वीकार किया कि भारत को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इससे पहले विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण की माँग की जा रही थी। दरअसल, कुल मिला कर लगभग $30 लाख के वेंटिलेटर्स अमेरिका से डोनेशन के रूप में भारत आएँगे।

ख़ुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन वेंटिलेटर्स को भारत भेजे जाने की घोषणा ट्विटर के माध्यम से की थी। उन्होंने इसे दोनों देशों के क़रीबी रिश्ते और साझी भागीदारी के रूप में प्रस्तुत किया था। अब जब देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 1 लाख के पार हो गई है और 3167 लोग इस ख़तरनाक संक्रमण की वजह से अपनी जान गँवा चुके हैं, ऐसे में अमेरिका से आने वाली वेंटिलेटर्स के लिए ये सबसे उचित समय है। ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका इस महामारी के वक़्त भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूती से खड़ा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने जानकारी दी थी कि वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में भी दोनों देश साथ मिल कर काम कर रहे हैं। ट्रम्प ने कहा था कि भारत और अमेरिका साथ मिल कर ‘अदृश्य दुश्मन’ को हराने में कामयाब होंगे। इसके कुछ ही देर बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस ने ट्रम्प ने अमेरिका में प्रवासी भारतीय समुदाय द्वारा दिए जा योगदान की चर्चा करते हुए फ़रवरी में हुए अपने भारत दौरे का भी जिक्र किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘अच्छा दोस्त’ करार दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डोनाल्ड ट्रम्प को धन्यवाद देते हुए इन आपदा के समय राष्ट्रों द्वारा विश्व को स्वस्थ बनाने के लिए साथ मिल कर काम करने पर बल दिया था। ट्रम्प ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना लड़ने में गेमचेंजर करार दिया था और भारत से इसके एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने की अपील की थी। इसके बाद अमेरिका को भारत से ये दवा मिली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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