Thursday, April 25, 2024
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पाकिस्तान में अब Samsung के QR कोड को लेकर ईशनिंदा का आरोप, कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने शहर भर में जलाए कंपनी के बैनर

पैगंबर मुहम्मद की निन्दा और अपमान के नाम पर गैर-मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और बर्बरता की असंख्य रिपोर्टें हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर किसी को काट देना या जिंदा जला देना आम घटना सी है। इसमें वहाँ की न्यायपालिका भी चाह कर कुछ नहीं कर पाती है।

पाकिस्तान के कराची में मोबाइल कंपनी सैमसंग (Samsung) द्वारा ईशनिंदा की अफवाह के बाद मुस्लिमों के चरमपंथी फिरका बरेलवी से जुड़ा संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के दर्जनों इस्लामवादियों ने मोबाइल बाजार में तबाही मचा दी। प्रदर्शनकारियों ने शहर के मोबाइल बाजार में सैमसंग के होर्डिंग को फाड़ दिया और तोड़फोड़ की।

विरोध प्रदर्शन केवल मोबाइल बाजार तक ही सीमित नहीं था, क्योंकि शहर भर में कई स्थानों पर कंपनी की होर्डिंग को कट्टरपंथियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। अफवाहों में कहा गया कि सैमसंग ने अपने उपकरणों पर एक क्यूआर कोड पेश किया था, जो ईशनिंदा है। इसके बाद इस्लामवादी कराची की सड़कों पर उतर आए।

हालाँकि, बाद में एक नई अफवाह फैलने लगी कि ‘ईशनिंदा’ सैमसंग मोबाइल के एक कर्मचारी द्वारा की गई थी, जिसने अपने वाईफाई नेटवर्क को ‘ईशनिंदा’ नाम दिया था।

हालाँकि किसी को भी ये पता नहीं था कि वास्तव में ‘ईशनिंदा’ क्या की गई। इसके बावजूद टीएलपी चरमपंथियों ने कराची की सड़कों पर सैमसंग मोबाइल के खिलाफ अपना गुस्सा निकालने से नहीं रोका।

QR कोड से ईशनिंदा पाकिस्तान में कोई नई बात नहीं

पिछले साल 31 दिसंबर को एक पाकिस्तानी शख्स ने अमेरिका की दिग्गज कंपनी पेप्सी को उसकी 7UP बोतलों पर पैगंबर मुहम्मद के नाम के साथ एक QR कोड छापने को लेकर धमकी दी थी।

उस व्यक्ति ने पेप्सी कंपनी के ट्रक ड्राइवर को धमकी दी कि अगर कंपनी ने 7UP कोल्ड ड्रिंक की बोतल से QR कोड नहीं हटाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पूछताछ करने पर खुद को मुल्ला बताने वाले उस व्यक्ति ने जोर देकर कहा कि QR कोड वास्तव में पैगंबर मुहम्मद का नाम है और अगर कंपनी लोगो को नहीं हटाती है तो वह ट्रक को जला देगा।

पाकिस्तान में ईशनिंदा

पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित ईशनिंदा को लेकर पाकिस्तान को व्यापक सांप्रदायिक हिंसा और दंगों का सामना करना पड़ा है। पैगंबर मुहम्मद के लिए विपरीत संदर्भ देना, जिसे ‘ईशनिंदा’ कहा जाता है, अक्सर इस्लामवादियों द्वारा ‘गैर-मुस्लिमों’ के खिलाफ हिंसा और सांप्रदायिक दंगे करने के लिए एक वजह के रूप में उपयोग किया जाता है।

पैगंबर मुहम्मद की निन्दा और अपमान के नाम पर गैर-मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और बर्बरता की असंख्य रिपोर्टें हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर किसी को काट देना या जिंदा जला देना आम घटना सी है। इसमें वहाँ की न्यायपालिका भी चाह कर कुछ नहीं कर पाती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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