फेक न्यूज (Fake News) फैलाने के लिए कुख्यात अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी बीबीसी (BBC) की चोरी एक बार फिर पकड़ी गई है और हर बार की तरह वह इस बार भी उसने माफी माँगकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की है। हालिया मामला ब्रिटेन का है। लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर यहूदी किशोरों के बस पर हुए हमले को लेकर बीबीसी ने फेक न्यूज फैलाई थी। इस मामले में ब्रिटेन की दूसंचार रेग्यूलेटर ऑफकॉम (Ofcom) ने जाँच शुरू की है।
पिछले साल नवंबर में लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक बस में बैठे लगभग 40 यहूदी किशोरों पर कुछ लोगों का एक समूह थूक रहा रहा था और उनके साथ गाली-गलौज कर रहा था। ये बस की खिड़कियों पर धक्का दे रहे थे। इस घटना को बीबीसी ने अलग ही रंग दे दिया था। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बस यहूदी किशोर मुस्लिम विरोधी बातें कही जा रही थीं और उनके साथ गाली-गलौज की जा रही थी।
ब्रिटिश ऑनलाइन मीडिया न्यूज वेबसाइट ‘डेली मेल’ के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने इस घटना को ‘हेट क्राइम’ (Hate Crime) कहा था। वहीं, ब्रिटिश यहूदियों के बोर्ड ऑफ डेप्यूटी (Deputies of British Jews) एवं मुख्य रब्बी ने बीबीसी की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। तब बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी ने कॉरपोर्शन की कार्यकारी शिकायत इकाई (ICU) को शिकायतों की ‘तत्काल के रूप में’ जाँच करने का निर्देश दिया था।
बुधवार को प्रकाशित अपने निष्कर्षों में ईसीयू ने कहा कि ऑनलाइन और टेलीविजन के मूल संस्करण ‘बीबीसी के उचित सटीकता के मानकों को पूरा नहीं करते’। इसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीबीसी के टीवी प्रसारण और ऑनलाइन स्टोरी में अंतर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीबीसी ने अपनी ऑनलाइन रिपोर्ट में उचित सटीकता के मानकों को पूरा नहीं किया और इसमें निष्पक्षता का अभाव है।
बीबीसी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी माँगी और कहा कि ऑनलाइन रिपोर्ट को संशोधित कर दिया गया है, लेकिन टीवी प्रसारण के रिपोर्ट को संशोधित नहीं किया जा सकता है। इस मसले पर एंटीसेमिटिज्म के खिलाफ अभियान (Campaign Against Antisemitism) के एक प्रवक्ता ने ऑफकॉम की जाँच का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यहूदी समुदाय को न्याय मिलेगा।
इस घटना के बाद ब्रिटेने के यहूदियों ने बीबीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि घटना के लिए बीबीसी यहूदियों को दोष देना बंद करे। इस घटना को लेकर बीबीसी से 30 वर्षों से जुड़े यहूदी पत्रकार एवं न्यूज एंकर रब्बी वाईवाई रुबीन्स्टीन ने इस्तीफा दे दिया था।