क्या कोरोना वायरस संक्रमण चीन की नई युद्धनीति का हिस्सा है? दुनिया भर में ये चर्चा आम है कि अब विश्व बायो वॉर और साइबर वॉर की दिशा में बढ़ रहा है, जहाँ लड़ाई अत्याधुनिक मिसाइलों और तोपों से नहीं, बल्कि ऐसे वायरस और कम्प्यूटर हैकिंग से होगी। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो ने बुधवार (मई 5, 2021) को एक कार्यक्रम के दौरान कोरोना महामारी को अप्रत्यक्ष रूप से चीन की नई साजिश करार दिया। हालाँकि, बाद में वो पलट गए।
बोल्सनारो ने बिना नाम लिए आशंका जताई कि चीन ने कोरोना वायरस को अपने लैब में बनाया होगा और ये आर्थिक लाभ के लिए चीन द्वारा अपनाई गई बायलॉजिकल युद्धनीति का एक हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये एक नया वायरस है और किसी को नहीं पता कि ये किसी लैब में बनाया गया है या फिर किसी व्यक्ति द्वारा किसी संक्रमित जानवर को खा लेने से मनुष्य तक पहुँच गया। उन्होंने कहा कि ये एक वास्तविकता है।
बकौल ब्राजीली राष्ट्रपति, उनकी सेना को पता है कि ये एक केमिकल, बैक्टेरिओलॉजिकल या रेडियोलॉजिकल युद्धनीति का एक हिस्सा है। उन्होंने पूछा कि क्या हम नए युद्ध का सामना नहीं कर रहे हैं? साथ ही उन्होंने ये भी सवाल दागा कि इन सबके बीच कौन सा ऐसा देश है, जिसकी GDP सबसे ज्यादा बढ़ी है? बता दें कि पिछले साल जब पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी थी, चीन की GDP 2.3% बढ़ गई। व्यापार के मामले में ब्राजील का चीन सबसे बड़ा आर्थिक पार्टनर है।
चीन का नाम लेने पर मीडिया पर बिफरे ब्राजील के राष्ट्रपति
जब मीडिया में ये खबर आई तो जेयर बोल्सनारो ने इसके लिए मीडिया को दोष देते हुए कहा कि उन्होंने अपने किसी एशियाई देश (चीन) का नाम नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि मीडिया ब्राजील और चीन के बीच विवाद पैदा करना चाहता है।
VIDEO: President Jair Bolsonaro says the novel coronavirus may have been made in a laboratory to wage “biological warfare,” in the latest comments likely to strain Brazil’s relations with China pic.twitter.com/OB8te4iyev
— AFP News Agency (@AFP) May 6, 2021
वहाँ की GDP इसके साथ ही 14.7 ट्रिलियन डॉलर (10.83 लाख अरब रुपए) पर पहुँच गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2026 में चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और इस मामले में वो अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। कोरोना वायरस 2019 के अंत में सबसे पहले वुहान में ही सामने आया था। पिछले साल चीन ने भी सख्त लॉकडाउन और आइसोलेशन के कड़े नियम लगाए थे।
ब्राजील के वित्त मंत्री पाउलो गेडेस भी कह चुके हैं कि कोरोना वायरस को चीन ने ही बनाया है। उन्होंने यह दावा 7 अप्रैल को एक पूरक स्वास्थ्य बोर्ड की बैठक के दौरान किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि चीनी टीके अमेरिका द्वारा बनाए गए टीकों से कम प्रभावी थे। 7 अप्रैल तक, ब्राजील में कोरोना वायरस के 10 लाख ऐक्टिव मामले और कुल 4.17 लाख मौतें दर्ज की गईं।
कोरोना टीकों की आलोचना कर चुके हैं ब्राजीली राष्ट्रपति
पिछले साल ब्राजीली राष्ट्रपति बोल्सनारो ने कोरोनावायरस के टीकों पर हमला किया था और Pfizer-BioNTech द्वारा विकसित कोरोनावायरस वैक्सीन की प्रभावशीलता को खारिज करते हुए दावा किया था कि यह रोगियों को मगरमच्छ या दाढ़ी वाली महिलाओं में बदल सकता है। महामारी के उभरने के बाद से ही जेयर बोल्सोनारो को इसके बारे में संदेह है।
उन्होंने इसे “हल्का फ्लू” कहा था। उन्होंने यह कहते हुए लॉकडाउन भी हटा दिया था कि उनका देश वायरस से सुरक्षित है क्योंकि उसकी जनसंख्या कम है और वहाँ का मौसम गर्म है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने साथ ही लॉकडाउन को “पागलपन” भी करार दिया था।