Friday, October 11, 2024
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इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच खत्म होते ही भड़का दंगा: 129 की मौत, 180 घायल, 34 लोग स्टेडियम में मरे

इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान भड़की हिंसा में लगभग 129 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में हालत काबू कर रहे पुलिस पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस हिंसा में लगभग 180 लोग घायल भी हुए हैं।

इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान भड़की हिंसा में लगभग 129 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में हालात काबू कर रहे पुलिस पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस हिंसा में लगभग 180 लोग घायल भी हुए हैं। घटना पूरी जावा इलाके की है जहाँ एक टीम की हार से उसके प्रशसंक भड़क गए और उन्होंने मैदान में घुस कर विजेता खिलाडियों पर हमला बोल दिया। घटना रविवार (2 अक्टूबर 2022) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना अरेमा एफसी और पर्सबाया सुरबाया के बीच हुए फुटबॉल मैच के दौरान घटी। इस मैच में अरेमा एफसी की 3-2 से हार हो गई। इस हार से नाराज सैकड़ों समर्थक मैदान में घुस गए और उन्होंने हिंसा करनी शुरू कर दी। मौके पर हालात को संभालने के लिए इंडोनेशिया के सशस्त्र बलों ने मैदान में प्रवेश किया तो उत्पात मचाने वाले उनसे भी भिड़ गए। हिंसक भीड़ पर्सबाया सुरबाया के खिलाडियों पर हमला करना चाह रही थी जिन्हें पुलिसकर्मी बचाना चाह रहे थे। इस हिंसा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बताया जा रहा है कि इसके बाद सुरक्षा बलों और हारी हुई टीम के प्रशसकों के बीच झड़प शुरू हो गई। हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर सामान फेंकने शुरू कर दिए। सुरक्षा बलों ने भी भीड़ को काबू करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े। इसी दौरान विजेता टीम के समर्थक भी हारी हुई टीम के प्रशंसकों से भिड़ गए।

पूर्वी जावा के पुलिस चीफ निको अफिंटा के अनुसार 34 मौतें स्टेडियम के अंदर ही हो गईं थीं, बाकी लोगों की मौत अस्पताल ले जाते या इलाज के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि मरने वाले में 2 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अफिंटा के मुताबिक कई लोग बाहर निकलने के दौरान भी कुचलकर, दम घुटने से मारे गए।

पुलिस का मानना है कि कई गंभीर रूप से घायलों की हालत को देखते हुए अभी मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इस हिंसा के बाद पीटी लीगा इंडोनेशिया बारू (एलआईबी) के अध्यक्ष अखमद हादियान लुकिता ने हिंसा में मृत लोगों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि इस बात के पूरे प्रयास किए जाएँगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दुबारा न हों।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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