Tuesday, June 24, 2025
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पहले पाकिस्तान के प्रति संवेदना, फिर भारत का समर्थन: देश की कूटनीति से कैसे बदला कोलंबिया ने अपना पलड़ा, जानिए शशि थरूर वाले प्रतिनिधिमंडल की क्या रहीं खासियतें

शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की स्पष्ट बातचीत के बाद कोलंबिया ने यू-टर्न लिया, जो भारत की सफल कूटनीति का प्रमाण है।

कोलंबिया ने शुक्रवार (30 मई 2025) को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तानी जनहानि पर अपनी संवेदना वाले विवादास्पद बयान को वापस लिया। यह फैसला कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर के वरिष्ठ कोलंबियाई अधिकारियों से आतंकवाद और आत्मरक्षा पर भारत की स्थिति स्पष्ट करने के बाद हुआ। इसके बाद कोलंबिया ने भारत के प्रति समर्थन का संदेश जारी किया।

कोलंबिया के पहले का बयान निराशाजनक

कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल बहु-राष्ट्रीय यात्रा के तहत पनामा और गुयाना होते हुए कोलंबिया पहुँचा। गौरतलब है कि कोलंबिया ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 22 अप्रैल 2025 को आतंकियों द्वारा किए गए हिंदूओं के नरसंहार पर चुप्पी साधे रखी थी जबकि इसके जवाबी एक्शन में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में हुए नुकसान पर संवेदना जताई थी। इसे लेकर थरूर ने बोगोटा पहुँचकर कोलंबिया की इस प्रतिक्रिया पर निराशा जताई।

भारत के मजबूत खंडन और तथ्यों से सामने आया अंतर

इस भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा और कॉन्ग्रेस के सांसद शामिल थे। उन्होंने कोलंबियाई अधिकारियों को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में 26 हिंदुओं की हत्या वाले आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी वाली वे फोटोज भी दिखाई, जो मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल थे। सांसद शशि थरूर ने कहा, “हम आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। आतंकवादियों और उनका विरोध करने वालों की तुलना नहीं की जा सकती।”

कोलंबिया की उप-विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो से बैठक के बाद सांसद शशि थरूर ने कहा कि कोलंबिया का भारत पर दिया गया विवादास्पद बयान वापस ले लिया है। थरूर ने कहा, “यह अच्छी खबर है, उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है और हमारे रुख के समर्थन में एक सकारात्मक बयान जारी किया है।” एएनआई से बात करते हुए कोलंबिया की मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के विस्तृत स्पष्टीकरण के बाद कोलंबिया को अब साफ तौर पर स्थिति का अंदाजा हो रहा है। इस पर आगे भी संवाद जारी रहेगा।

कोलंबिया के रुख में आए बदलाव ने दोनों देशों की कूटनीति को प्रभावी ढंग से पेश किया है। भाजपा नेता और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोलंबिया ने भारत-विरोधी बयान वापस लेकर आतंकवाद पर भारत के रुख को स्वीकार किया है। भाजपा सांसद शशांक मणि ने कोलंबिया को उसके आतंकवाद प्रभावित इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि वह भारत की स्थिति को बेहतर समझ सकता है। उन्होंने कहा, “हम शांति का संदेश लेकर आए हैं, लेकिन हर आतंकी हमले का ठोस जवाब देंगे।”

कोलंबिया, जो जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनेगा, अब पाकिस्तान की बजाय भारत के साथ खड़ा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल अपना अगला दौरा ब्राजील और अमेरिका में करेगा। यह भारत की कूटनीतिक सफलता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ उसके कड़े रुख को स्पष्ट करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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