Wednesday, June 18, 2025
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नहीं गली दाल तो पुतिन को ‘पागल’ बताने लगे डोनाल्ड ट्रंप, कहा- वे निर्दोषों का खून बहा रहे, हड़पना चाहते हैं पूरा यूक्रेन: 3+ साल से जारी जंग को चुटकी में खत्म करवाने का कर रहे थे दावा

ट्रंप लगातार पुतिन के शांति वार्ता को लेकर बदलते रुख पर निराशा जताते रहे हैं। उनकी पुतिन को लेकर निराशा अब सिर्फ बयानों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे रूस के खिलाफ कुछ व्यापारिक प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहे हैं।

अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप लगातार कोशिश कर रहे हैं कि यूक्रेन पर रूसी हमला बंद हो जाए। इसके लिए वो टेंपररी सीजफायर से लेकर पूर्ण युद्धविराम तक की गुहार लगा चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दोस्त बताने से लेकर उनसे कई बार बातचीत कर चुके हैं, यहाँ तक कि यूक्रेनी राष्ट्रपति को सार्वजनिक तौर पर हड़का भी चुके हैं। इसके बावजूद रूसी हमले नहीं रुक रहे, जिसकी वजह से डोनाल्ड ट्रंप अब गुस्से में आ चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन को पागल तक कह दिया है।

इस दौरान ट्रंप ये बताना नहीं भूले कि इनकी पुतिन से बहुत बनती है, लेकिन साथ ही जोड़ा कि बीते कुछ समय से पुतिन बदल चुके हैं। अब वो यूक्रेन का सिर्फ एक टुकड़ा नहीं, बल्कि पूरे का पूरा यूक्रेन ही कब्जाना चाहते हैं। हालाँकि ट्रंप ने ये भी जोड़ दिया कि अगर रूस यूक्रेन को पूरा कब्जाता है, तो ये रूस के पतन की शुरुआत होगी, यानी वो बर्बादी की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है।

ट्रंप ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्रुथ पर रविवार (25 मई 2025) को एक पोस्ट डाला और पुतिन पर जमकर भड़ास निकाली। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, “रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन शायद उनके साथ कुछ ऐसा हुआ है। वह बिल्कुल पागल हो गए हैं! वह बेवजह बहुत से लोगों को मार रहे हैं, और मैं सिर्फ सैनिकों की बात नहीं कर रहा हूँ। यूक्रेन के शहरों में बेवजह मिसाइल और ड्रोन दागे जा रहे हैं।”

ट्रंप ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि वे यूक्रेन का सिर्फ एक टुकड़ा नहीं, बल्कि पूरा यूक्रेन चाहते है, और शायद यह सही साबित हो रहा है, लेकिन अगर वह ऐसा करते हैं, तो इससे रूस का पतन हो जाएगा!”

ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की भी आलोचना की और कहा कि उनके बोलने का तरीका समस्याएँ खड़ी करता है और इससे उनके देश को कोई भी फायदा नहीं होता। उन्होंने जेलेंस्की को सलाह दी कि वे इस तरह की बयानबाजी बंद करें। इसके साथ ही ट्रंप ने दावा किया कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।

ट्रंप ने कहा, “यह जेलेंस्की, पुतिन और बाइडेन की लड़ाई है, ‘ट्रंप’ की नहीं। मैं केवल एक बड़ी और भयानक आग को बुझाने में मदद कर रहा हूँ।” राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन में रूस का हालिया हमला और राष्ट्रपति जेलेंस्की की बयानबाजी शांति के प्रयासों के लिए भी बाधा बन रही है।

राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप का तीखा बयान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के उस आरोप के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी चुप्पी ने पुतिन को और अधिक ताकतवर बना दिया है। जेलेंस्की ने रूसी नेतृत्व पर दबाव बढ़ाने की अपील करते हुए कहा, “रूस की क्रूरता को रोका नहीं जा सकता, अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो यह और बढ़ेगी।” उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों की चुप्पी को पुतिन के लिए प्रोत्साहन बताया।

इस बीच, ट्रंप लगातार पुतिन के शांति वार्ता को लेकर बदलते रुख पर निराशा जताते रहे हैं। उनकी पुतिन को लेकर निराशा अब सिर्फ बयानों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे रूस के खिलाफ कुछ व्यापारिक प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहे हैं।

वैसे, पहले ट्रंप रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के लिए इच्छुक नहीं थे, पुतिन के साथ दोस्ताना रवैया अपनाते थे और जेलेंस्की को फटकार लगाते थे, लेकिन अब उन्होंने पुतिन को ‘पागल’ तक कह दिया है और रूस के खिलाफ सेकंडरी बैन लगाने पर विचार कर रहे हैं। 

बता दें कि कुछ समय पहले ट्रंप का रूस के प्रति नरम रुख भी देखने को मिला था, जब उन्होंने पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत के बाद मॉस्को पर नए प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब उनकी हालिया टिप्पणियाँ, जिसमें उन्होंने पुतिन पर शांति प्रयासों को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाया है, अमेरिका की नीति में अस्थिरता को दिखाती हैं।

गौरतलब है कि बीते साल चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि यदि वे सत्ता में आए तो 24 घंटे में रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करा देंगे। लेकिन अब तो करीब पाँच महीने बीत चुके हैं और उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई कमीं नहीं आई है।

दिलचस्प बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप खुद को वैश्विक शांतिदूत के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान, जब भारत ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचाया, तब ट्रंप ने बार-बार व्यापार के जरिए इस संघर्ष को सुलझाने का दावा किया। हालाँकि उनका यह दावा भी विवादित ही रहा, क्योंकि भारत ने उनके दावे को सार्वजनिक तौर पर खारिज कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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